सार
'जुग जुग जियो' से नीतू कपूर ने 9 साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की है। वरुण धवन, कियारा आडवाणी ही नहीं, अनिल कपूर के साथ भी यह उनके करियर की पहली फिल्म है।
एंटरटेनमेंट डेस्क (आकाश खरे). धर्मा प्रोडक्शन की मोस्ट अवैटेड फिल्म 'जुग जुग जियो' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अगर आप भी इस फिल्म को देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो पहले जान लीजिए आखिर यह फिल्म कैसी है और आपको देखना चाहिए या नहीं?
एशियानेट रेटिंग | 3.5/5 |
डायरेक्शन | राज मेहता |
स्टार कास्ट | अनिल कपूर, नीतू कपूर, वरुण धवन, कियारा आडवाणी, मनीष पॉल और प्राजक्ता कोली |
प्रोड्यूसर्स | करन जौहर, हीरू जौहर और अपूर्व मेहता |
म्यूजिक डायरेक्टर | मिथुन, तनिष्क बागची, कनिष्क सेठ-कविता सेठ,डाइसबी, पॉज़ी, विशाल शेल्के |
जॉनर | कॉमेडी ड्रामा |
ऐसी है फिल्म की कहानी?
सबसे पहले फिल्म की कहानी की बात करते हैं, जो कुकू सैनी (वरुण धवन) और नैना शर्मा (कियारा आडवाणी) के इर्द-गिर्द घूमती है। दोनों एक-दूसरे को बचपन से ही प्यार करते हैं। दोनों की शादी भी हो जाती है। दोनों अलग-अलग कंपनी में काम करते हैं और दोनों की शिफ्ट भी अलग-अलग हैं। कुकू की जहां नाइट शिफ्ट है तो वहीं नैना डे शिफ्ट में काम करती है। इस वजह से उनके रिश्ते में दरार पड़ती है और शादी के कुछ समय बाद ही वे तलाक लेने का फैसला लेते हैं। लेकिन इसी बीच कुकू के घर में बहन गिन्नी (प्राजक्ता कोली) की शादी है, इसलिए दोनों इसके बाद अपने परिवार वालों को अपने फैसलें के बारे बताने का निर्णय लेते हैं। लेकिन इससे पहले कि कुकू अपने पिता भीम सैनी (अनिल कपूर) को नैना से तलाक के बारे में बताता, उससे पहले भीम उसे यह बताकर चौंका देता है कि वह अपनी पत्नी यानी कुकू की मां गीता सैनी (नीतू कपूर) के साथ अपने 30 साल के रिश्ते को ख़त्म करना चाहता है। इसके बाद कहानी में क्या ट्विस्ट और टर्न आते हैं? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म का डायरेक्शन बेहतर है
फिल्म का डायरेक्शन 'गुड न्यूज' फेम राज मेहता ने किया है और वे काफी हद तक इसे बेहतर फिल्म बनाने में सफल भी रहे हैं। कुछ सीन्स को छोड़ दिया जाए तो यह फिल्म कहीं बोर नहीं करती। कई सीन मजेदार हैं, जो पेट पकड़कर हंसने को मजबूर करते हैं। कुछ सीन सच्च्चाई से काफी दूर नज़र आते हैं, जैसे कि आमतौर पर कोई बेटा अपने पिता को बैचलर पार्टी में नहीं ले जाता। लेकिन फिल्म में एक सीन इसके बिल्कुल उलट है। फिल्म के डायलॉग्स काफी हद तक ठीक हैं। हालांकि, कहानी प्रेडिक्टेबल है।
कैसी है स्टारकास्ट की एक्टिंग?
बात एक्टिंग की करें तो अनिल कपूर सब पर भारी पड़ते नज़र आते हैं। खासकर मनीष पॉल के साथ उनके सीन्स कमाल के बन पड़े हैं। उन्होंने भीम सैनी का किरदार शानदार तरीके से निभाया है। वरुण धवन ने ठीकठाक काम किया है। कियारा आडवाणी भी अपने रोल के साथ कुछ हद तक न्याय करती नज़र आती हैं। मनीष पॉल ने बढ़िया काम किया है। नीतू कपूर को अपने हिस्से में जितना भी काम आया, उन्होंने उसे बखूबी निभाया है।
संगीत, लोकेशन और कॉस्टयूम
फिल्म की कमजोर कड़ी इसका संगीत है। 'नाच पंजाबन' गाने को छोड़ दिया जाए तो बाकी गाने दर्शकों को निराश तो नहीं करते, लेकिन उनकी जुबान पर भी नहीं ठहरते हैं। फिल्म की लोकेशन और कॉस्टयूम शानदार हैं।
क्यों देखें..
1. फैमिली के साथ देखने जा सकते हैं। फुल एंटरटेनमेंट फिल्म है।
2. पति-पत्नी के रिश्ते की गहराई को समझना चाहते हैं तो जरूर देखें।
3. अनिल कपूर की कॉमेडी के फैन है तो बिल्कुल देखें।
क्यों न देखें
1. इमोशनल कॉमेडी देखना पसंद नहीं तो न जाएं।
2. अगर ट्विस्ट एंड टर्न वाली कहानी पसंद है तो न देखें।
3. सेकंड हाफ थोड़ा स्लो है और क्लाइमैक्स अधूरा।
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