सार

'ब्रह्मास्त्र पार्ट वन : शिवा' ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड ब्रेकिंग ओपनिंग करते हुए पहले दिन 35-36 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया। हालांकि, कंगना रनोट इस फिल्म से खुश नहीं हैं। उन्हें इसे ना केवल डिजास्टर, बल्कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली तक बताया है।

एंटरटेनमेंट डेस्क. बॉलीवुड में नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली एक्ट्रेस कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ने रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) स्टारर हालिया रिलीज फिल्म 'ब्रह्मास्त्र पार्ट वन : शिवा' को डिजास्टर बताया है।  उन्होंने अपनी ताजा सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए फिल्म के डायरेक्टर अयान मुखर्जी पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि अयान ने 600 करोड़ रुपए राख में मिला दिए। इतना ही नहीं, कंगना अपनी पोस्ट के माध्यम से करन जौहर पर भी हमलावर हुई हैं।

अयान को जीनियस कहने वालों को जेल में डालो : कंगना 

कंगना ने लिखा है, "जो लोग अयान मुखर्जी को जीनियस कहते हैं, उन्हें तुरंत जेल में डाल देना चाहिए। उन्होंने यह फिल्म बनाने में 12 साल लिए। उन्होंने 14 DOP बदले। उन्होंने 400 दिन फिल्म की शूटिंग की और इस दौरान 85 असिस्टेंट डायरेक्टर बदले और 600 करोड़ रुपए जलाकर राख कर दिए। उन्होंने 'बाहुबली' की सफलता को देखते हुए ऐन मौके पर जलालुद्दीन रूमी का नाम शिवा (रणबीर कपूर का किरदार) से बदलकर धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाई है। वाकई मौकापरस्त। रचनात्मकता से वंचित लोग। सफलता ने लालची लोगों को भूखा रखा है। अगर इन्हें जीनियस कहा जाए तो यह मैनीपुलेशन नहीं, बल्कि दिन को रात और रात को दिन कहने की रणनीति है।"

कंगना ने आगे लिखा है, "करन जौहर जैसे लोगों से उनके व्यवहार के लिए सवाल किए जाने चाहिए। वे फिल्मों की स्क्रिप्ट से ज्यादा दूसरों की सेक्स लाइफ में इंट्रेस्टेड हैं। वे खुद रिव्यू, फेक कलेक्शन के आंकड़े और टिकट खरीदते हैं। इस बार उन्होंने हिंदूइज्म और साउथ की लहर पर सवार होने की कोशिश की है। सभी अचानक पुजारी बन गए हैं और साउथ के एक्टर्स, राइटर्स और डायरेक्टर्स से अपनी फिल्म के प्रमोशन की भीख मांग रहे हैं। वे कुछ भी करेंगे, लेकिन सक्षम राइटर्स,  डायरेक्टर्स, एक्टर्स और दूसरे टैलेंट को हायर नहीं करेंगे।"

'करन झूठ बेचने की कोशिश करते हैं'

कंगना ने उन रिपोर्ट्स पर रिएक्शन दिया है, जिनमें कहा जा रहा है कि पीवीआर और आइनॉक्स को 800 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है। कंगना ने लिखा है, "ऐसा तब होता है, जब आप एक झूठ बेचने की कोशिश करते हैं। करन जौहर हर शो में लोगों पर आलिया भट्ट, रणबीर कपूर को बेस्ट एक्टर्स और अयान मुखर्जी को जीनियस कहने का दबाव बनाते हैं। धीरे-धीरे लोग इस बात पर यकीन करना शुरू कर देते हैं। इससे क्या साबित होता है कि 600 करोड़ रुपए के बजट की यह फिल्म एक ऐसे डायरेक्टर ने निर्देशित की है, जिसने जिंदगी में कभी कोई बेहतर फिल्म नहीं बनाई। इस फिल्म को फंड देने के लिए भारत में फॉक्स स्टूडियो को खुद को बेचना पड़ा। और कितने स्टूडियो इन जोकरों की वजह से बंद होंगे।" 

कंगना ने लिखा है, "उनकी गुटबाजी अब उन्हें काटने आ रही है। शादी से लेकर बेबी पीआर, मीडिया को कंट्रोल करने, केआरके को हिल भिजवाने, रिव्यू खरीदने और टिकट खरीदने तक, वे बेईमानी से कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन एक अच्छी ईमानदार फिल्म नहीं बना सकते।"

'अगर स्टूडियो नहीं बचेंगे तो फ़िल्में कैसे बनाएंगे?

कंगना ने आगे लिखा है, "आज भारत में हमारी फ़िल्में लेने के लिए कोई इंटरनेशनल स्टूडियो नहीं है। मूवी माफिया ने उनके सिस्टम को टेक ओवर कर लिया है और उन्हें बर्बाद कर दिया।  खुलते ही उनका अस्तित्व मिट जाता है। अगर कोई भी स्टूडियो नहीं बचेगा तो हम फ़िल्में कैसे बनाएंगे? केवल पारंपरिक फाइंनेंसर्स और व्यक्तिगत निर्माता हैं, जो काफी दूर और कुछ ही हैं।"

वर्क फ्रंट की बात करें तो कंगना रनोट को पिछली बार 'धाकड़' में दिखाई दी थीं, जो बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई थी। उनकी अपकमिंग फिल्मों में 'तेजस' और 'इमरजेंसी' शामिल हैं। 

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