ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव ने तमिलनाडु के मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए एक मुहिम चलाई है। इस मुहिम को अब कंगना रनोट का भी समर्थन मिला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर #FreeHinduTemples और #FreeTNTemples को सपोर्ट करते हुए लिखा "हिंदुओं का शोषण, दमन और प्रताड़ना अब खत्म करने की जरूरत है।

मुंबई/कोयंबटूर। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव ने तमिलनाडु के मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए एक मुहिम चलाई है। इस मुहिम को अब कंगना रनोट का भी समर्थन मिला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर #FreeHinduTemples और #FreeTNTemples को सपोर्ट करते हुए लिखा "हिंदुओं का शोषण, दमन और प्रताड़ना अब खत्म करने की जरूरत है। सबसे महान और प्राचीन सभ्यता की आहिस्ता-आहिस्ता होने वाली हत्या को खत्म करने की जरूरत है।

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बता दें कि सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सोमवार को तमिलनाडु के मंदिरों को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने लिखा था- हिंदू समुदाय को तीर्थयात्रा के लिए दान के रूप में भत्ते की जरूरत नहीं है। वैभवपूर्ण मंदिरों की रोजाना यात्रा ही हमारा तीर्थ है। पैसा नहीं, हमें अपने मंदिरों के गौरव को फिर से स्थापित करने की जरूरत है।

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इतना ही नहीं, जग्गी वासुदेव ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, सुपरस्टार रजनीकांत और एमके स्टालिन को टैग करते हुए अगली पोस्ट में लिखा- आजादी के 75 साल पूरे होने के बाद भी अगर अपनी इच्छानुसार धर्म का अभ्यास करने की आजादी नहीं है तो फिर यह कैसी स्वतंत्रता है? यह कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे कोर्ट में सेटल किया जाए। नियम ये कहता है कि समुदाय को उसका मालिकाना हक मिलना चाहिए, जो उसका अधिकार है।

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जग्गी वासुदेव ने एक और पोस्ट में लिखा- गुरुद्वारे इस बात का बेहतरीन उदाहरण हैं कि एक समुदाय अपने धार्मिक स्थलों को कितने बेहतर तरीके से मैनेज कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी की सरकार में मंदिरों की खस्ता हालत के बारे में बताते हुए कहा- इनकी पवित्रता बनाए रखने और इन्हें पतन की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार से इनको मुक्त करवाना जरूरी है। 

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