सार
मुंबई। लव जिहाद (Love Jihad) और धर्मांतरण कानून की खबरों के बीच म्यूजिक डायरेक्टर रहे वाजिद खान (Wajid Khan) की पत्नी कमलरुख (Kamalrukh) ने हाल ही में खुलासा किया है कि उन्हें भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था। इस मामले में अब कमलरुख को कंगना रनोट का सपोर्ट मिल गया है।
मुंबई। लव जिहाद (Love Jihad) और धर्मांतरण कानून की खबरों के बीच म्यूजिक डायरेक्टर रहे वाजिद खान (Wajid Khan) की पत्नी कमलरुख (Kamalrukh) ने हाल ही में खुलासा किया है कि उन्हें भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया था। इस मामले में अब कमलरुख को कंगना रनोट का सपोर्ट मिल गया है। कंगना ने कमलरुख का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- वो मेरे दोस्त की विधवा है, जिसे उसके परिवार द्वारा धर्मांतरण के लिए फोर्स किया जा रहा है। इसके साथ ही कंगना ने पीएम मोदी से पारसी समुदाय की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाया है। बता दें कि वाजिद की पत्नी कमलरुख पारसी कम्युनिटी से ताल्लुक रखती हैं। कमलरुख ने एंटी कन्वर्जन बिल पर चल रही बहस के बीच अपना पक्ष रखा है और आरोप लगाया है कि वाजिद के परिवार वाले उन्हें धर्म बदलने के लिए प्रताड़ित करने के साथ ही इस्लाम कबूल करने का दबाव बना रहे हैं।
कंगना ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- पारसी सही मायनों में इस देश के सच्चे अल्पसंख्यक हैं। वे देश पर आक्रमण कर कब्जा करने नहीं आए थे, बल्कि उन्होंने भारत माता से सच्चाई के साथ प्यार मांगा था। उनकी सीमित जनसंख्या ने देश की खूबसूरती और अर्थव्यवस्था बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
कंगना ने आगे लिखा- वो (कमलरुख) मेरे दोस्त की विधवा और एक पारसी महिला है, जिसे उसकी फैमिली द्वारा धर्मांतरण के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। मैं प्रधानमंत्री कार्यालय से पूछना चाहती हूं कि ऐसे अल्पसंख्यक लोग, जो सहानुभूति के लिए ड्रामा नहीं करते, मारकाट, दंगे और धर्मांतरण नहीं करते। हम उन्हें कैसे बचा रहे हैं?
कंगना ने इसी ट्वीट को आगे बढ़ाते हुए लिखा- सबसे ज्यादा ड्रामा करने वाले बच्चे को सबसे ज्यादा अटेंशन और फायदा मिल जाता है और जो इसका असली हकदार है, संवेदनशील और देखभाल करने लायक है, उसे कुछ नहीं मिलता। हमें सोचने की जरूरत है। अपनी इस पोस्ट के साथ ही कंगना रनोट ने एंटी कन्वर्जन बिल को भी टैग किया है।
इससे पहले कमलरुख ने अपनी पोस्ट में लिखा- मैं पारसी हूं और वे मुस्लिम थे। हमें आप कॉलेज स्वीटहार्ट कह सकते हैं। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी की थी। मैं अपनी इंटर-कास्ट मैरिज का एक्सपीरियंस शेयर करना चाहती हूं...धर्म के नाम पर तकलीफ देना और भेदभाव करना शर्मनाक और आंखें खोलने वाला है।