सार

करीना कपूर और सैफ अली खान की आज शादी की सातवीं (16 अक्टूबर) सालगिरह है। दोनों ने 16 अक्टूबर, 2012 को एक-दूसरे शादी की थी। पहले अफेयर, फिर लिव-इन और पांच साल रिलेशनशिप के बाद दोनों ने शादी का फैसला लिया था।

मुंबई. करीना कपूर और सैफ अली खान की आज शादी की सातवीं (16 अक्टूबर) सालगिरह है। दोनों ने 16 अक्टूबर, 2012 को एक-दूसरे शादी की थी। पहले अफेयर, फिर लिव-इन और पांच साल रिलेशनशिप के बाद दोनों ने शादी का फैसला लिया था। सालों की जान-पहचान के बावजूद भी दोनों की शादी में लंबा वक्त लगा। एक तरफ करीना जहां बॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली कपूर परिवार में जन्मीं, वहीं सैफ रॉयल फैमिली के नवाब मंसूर अली खान पटौदी और शर्मिला टैगोर के बेटे थे। अलग-अलग मजहब को मानने के कारण भी इन दोनों की शादी हमेशा चर्चा में बनी रही।

शाहिद से ब्रेकअप के बाद सैफ से करीना की बढ़ी नजदीकियां

सैफ से पहले करीना और शाहिद के अफेयर की खबरें खूब थीं। लेकिन दोनों का रिलेशन ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया और 2007 में इनका ब्रेकअप हो गया। इसके बाद एक्ट्रेस की नजदीकियां सैफ के साथ बढ़ने लगीं। दोनों ने एक साथ फिल्म 'ओमकारा' में काम किया। मूवी में दोनों के कम सीन होने के बावजूद भी वे एक-दूसरे के साथ ज्यादा दिखते थे। हालांकि, इनके बीच ज्यादा नजदीकियां यशराज बैनर की फिल्म 'टशन' की शूटिंग के समय दिखी।  

दोनों लॉन्ग वॉक पर जाकर बिताते वक्त 

बताया जाता है कि सैफ-करीना फिल्म 'टशन' की शूटिंग से वक्त निकालकर लांग वॉक पर जाते थे। तभी से दोनों के अफेयर के गॉसिप बनने शुरू हो चुके थे। लेकिन इनमें से किसी ने भी अपने रिलेशनशिप को लेकर खुलकर बात नहीं की थी। लैक्मे फैशन वीक में दोनों साथ में पहली बार नजर आए थे। यहां पहली बार सैफ ने माना कि वो करीना को डेट कर रहे थे। 2010 में एक बार यह बात चर्चा में आई थी कि सैफ करीना जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। फिर अनौपचारिक खंडन भी आया।

लव जिहाद को लेकर भी थी चर्चा

वहीं, इनकी शादी को लेकर विवाद भी कम नहीं थे। इसके पीछे का कारण सैफ-करीना के अलग-अलग धर्म से ताल्लुक रखना था। कुछ संगठनों ने इस शादी को लव जिहाद बताया था। इस पर करीना ने रिएक्शन दिया था कि वो लव में यकीन करती हैं लव जिहाद में नहीं। उनका मानना था कि प्यार एक ऐसी चीज है, जिसे कोई भी परिभाषित नहीं कर सकता है। इसमें एक जुनून, ललक और बहुत सी चीजें होती हैं और इसके बीच कोई महजब की दीवार नहीं होती। अब अगर एक हिंदू लड़का है और वह किसी मुस्लिम लड़की से प्यार करने लगता है, तो उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। कोई किसी से भी प्यार पूछकर नहीं करता है।