The kashnir files news :  जम्मू-कश्मीर के पंडितों के नरसंहार पर बनी 'द कश्मीर फाइल्स' की चर्चाओं के बीच पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट काफी वायरल हो रही है। इसमें एक कश्मीरी युवक हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए मुस्लिमों और अपनी पिछली पीढ़ी को कोस रहा है। युवक ने न्यूज चैनल में चीखकर कहा कि कश्मीर के ही मुस्लिमों ने निहत्थे पंडितों का खून किया, जो हमारे अपने थे।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पंडितों के नरसंहार पर बनी 'द कश्मीर फाइल्स' (The kashmir files) की चर्चाओं के बीच पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट काफी वायरल हो रही है। इसमें एक कश्मीरी युवक हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के लिए मुस्लिमों और अपनी पिछली पीढ़ी को कोस रहा है। युवक ने न्यूज चैनल में चीखकर कहा कि कश्मीर के ही मुस्लिमों ने निहत्थे पंडितों का खून किया, जो हमारे अपने थे। युवक ने नरसंहार में शामिल लोगों से कहा कि उन्हें पंडितों से हाथ जोड़कर माफी मांग लेनी चाहिए। 

विवेक अग्निहोत्री ने शेयर किया वीडियो
इस वीडियो को द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर शेयर कर लिखा- यह युवा कश्मीरी मुस्लिम एक पाकिस्तानी चैनल पर "सभी कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के लिए सॉरी" कह रहा है। नरसंहार को स्वीकार करना और सॉरी बोलना #RightToJustice की ओर पहला कदम है। अगर कोई इस युवक को जानता है, तो कृपया उसे अपना प्यार और धन्यवाद भेजें। जावेद बेग नाम के इस कश्मीरी युवक ने पहले भी कश्मीरी पंडितों के नरसंंहार के बारे में मुस्लिमों की खुलकर आलोचना की थी और पंडितों से माफी मांगने की बात कही थी।

Scroll to load tweet…

मैंने अपनी आंखों से देखा, वो निहत्थे लोगों को मार रहे थे
चैनल में जावेद बेग कह रहे हैं - मैं जिस इलाके से ताल्लुक रखता हूं वहां 1997 के 25 मार्च को पहला नरसंहार जो हुआ था। उसमें दर्जनों कश्मीरी पंडितों को मारा गया। निहत्थे लोग थे ये। ये पंडित किसी कश्मीरी मुसलमान को न तो मार रहे थे और न ही ये किसी की आजादी रोक रहे थे। निहत्थे थे सभी। मैंने अपनी आंखों से देखा है। उनमें इलाके के एक हेडमास्टर साहब भी थे। निहत्थे लोगों के साथ आपने जो किया वो जुल्म नहीं था तो क्या था। कश्मीरी पंडितों को जिन लोगों ने मारा वो हमारे कश्मीर के लोग ही थे, कोई बाहर से नहीं आए थे। उन्होंने अपनों का ही खून बहाया। जानवर भी अपनी नस्ल पर हमला नहीं करते, लेकिन यहां तो अपनी ही नस्ल पर हमला किया गया। कम से कम आज जो हममें गैरत होनी चाहिए। जो हमारे वालिद साहब की नस्लों ने गलती की, कम से कम एक पढ़ा-लिखा यूथ होने के नाते हमें ये कबूल करना चाहिए कि हमसे गलतियां हुई हैं। इसके लिए जमीर की जरूरत है। जिसमें भी बागैरत जमीर होगा, वो उस गुनाह को कबूल करेगा। इस्लाम में लिखा है कि यदि कोई गैर मुस्लिम आपकी बस्ती में रह रहा है और जंग का माहौल पैदा होता है तो उस इंसान की जिंदगी और सामान बचाना हर मुसलमान का फर्ज बनता है।

यह भी पढ़ें 
मुफ्त में लोगों को The Kashmir Files दिखा रहे थे BJP के नेता तो भड़के विवेक अग्निहोत्री, दे डाली ये नसीहत

लकड़ी काटने वाली मशीन से चीरा, आंखें निकाल पहनाया चश्मा; कश्मीरी पंडितों से हुई बर्बरता सुन कांप उठेगा कलेजा