सार
आर्थिक सर्वे में कहा गया, "देश के शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का स्ट्रेस्ड एडवांस रेशियो बढ़कर सितंबर 2021 के अंत में 8.5 फीसदी पहुंच गया, जो एक साल पहले यानी सितंबर 2020 के अंत में 7.9 फीसदी था।" कई नियमों में छूट दी गई और विशेष व्यवस्थाएं करने से हालातों में सुधार आया है।
बिजनेस डेस्क, Economic survey 2021- 2022 : सोमवार 31 जनवरी को शुरू हुए बजट सत्र 2022 (Parliament Budget session 2022) के पहले दिन आर्थिक सर्वे रिपोर्ट (Economic survey report 2021-22) पेश की गई है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लोकसभा (Loksabha) में आर्थिक सर्वे (Economic Survey) प्रस्तुत किया गया है। इसमें केंद्र सरकार के बीते एक साल के वित्तीय कार्यों का लेखाजोखा पेश किया जाता है। इसे सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी कहा जाता है। इसमें बैकिंग सेक्टर में लगातार हो रहे सुधारों पर भी रिपोर्ट पेश की गई है।
वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आम बजट 2022-23 (Union Budget 2022-23) पेश करने के एक दिन पहले आर्थिक सर्वे (Economic survey) प्रस्तुत किया है । कल यानि 1 फरवरी को वित्त मंत्री बजट 2022-23 प्रस्तुत करेंगी।
बैंकिंग व्यवस्था में सुधार
आर्थिक सर्वे में कहा गया, "देश के शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का स्ट्रेस्ड एडवांस रेशियो बढ़कर सितंबर 2021 के अंत में 8.5 फीसदी पहुंच गया, जो एक साल पहले यानी सितंबर 2020 के अंत में 7.9 फीसदी था।" सर्वे में इस बात का भी उल्लेख है कि "कोविड-19 के दौरान बहुत से लोन में मोरोटोरियम मुहैया कराए गए, कई नियमों में छूट दी गई और विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं। इन सबके चलते restructured assets में बढ़ोतरी हुई और इसी की वजह से सितंबर 2021 के अंत तक में बैंकिंग सिस्टम का स्ट्रेस्ड एडवांस रेशियो बढ़ गया।"
रिपोर्ट में कहा गया, "सितंबर 2021 के अंत में सरकारी बैंकों का Gross Non-Performing Asset (G-NPA) घटकर 8.6 फीसदी पर आ गया है, जो एक साल पहले यानी सितंबर 2020 में 9.4 फीसदी पर था।" इसी अवधि में सरकारी बैंकों का स्ट्रेस्ड एडवांस रेशियो 10 फीसदी से 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10.01 फीसदी रहा है। इसके पीछे मुख्य loan restructuring में बढ़ोतरी रही।
शेड्यूल कमर्शिल बैंकों के कैपिटल एडीक्वेसी रेशियो में 2015-16 से सुधार शुरू हुआ है जो इस साल भी जारी रहा। आर्थिक सर्वे के मुताबिक, शेड्यूल कमर्शियल बैंकों का Capital to Risk Weighted Asset Ratio (CRAR)' सितंबर 2021 में बढ़कर 16.54 फीसदी रहा, जो एक साल पहले यानी सिंतबर 2021 के अंत में 15.84 फीसदी था।
सेमीकंडक्टर चिप की कमी
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट (Economic survey report 2021-22) में कोविड वैक्सीनेशन (Covid 19 Vaccination) से लेकर सेमी कंडक्टर चिप की कमी तक के आंकड़े पेश किए गए हैं। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 (Covid 19) की रोकथाम के लिए जारी टीकाकरण (Vaccination) न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि अर्थव्यवस्था को खोलने के लिहाज से भी बेहद अहम कदम साबित हुआ।
70 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को मिली टीके की दोनों खुराकें
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि Covid 19 की रोकथाम के लिए देश की बड़ी आबादी को Vaccine लगना अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि देश की 70 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को कोविड टीके की दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं। गत 16 जनवरी तक देशभर में 156 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी थीं। इस दौरान 88 करोड़ से अधिक लोगों ने टीके की कम-से-कम एक खुराक ले ली है, जो वयस्क आबादी का 93 प्रतिशत है।
15 दिन में लग रहीं 10 करोड़ डोज
आर्थिक सर्वे में कहा गया कि 15 से 18 वर्ष की उम्र वाले 50 प्रतिशत से अधिक किशोरों को भी 19 जनवरी तक कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी थी। तीन जनवरी से शुरू हुई किशोरों को टीका लगाने की मुहिम भी रफ्तार पकड़ रही है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन की कीमतों पर नियंत्रण रखते हुए तमाम राज्यों और सभी उम्र वर्गों के बीच टीकाकरण की पहुंच बनाई गई। टीकाकरण केवल स्वास्थ्य के नजरिये से ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए भी अहम है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि टीकाकरण का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव होगा। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, टीकाकरण अभियान काफी तेजी से चल रहा है। पहले अतिरिक्त 10 करोड़ खुराक का लक्ष्य 86 दिन में हासिल होता था, जो अब घटकर 15 दिन पर आ गया है।
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