सार
एबीजी शिपयार्ड ने भारतीय स्टेट बैंक, केंद्रीय जांच ब्यूरो, या सीबीआई सहित 28 बैंकों के बकाया 22,842 करोड़ रुपये के ऋण लेकिन धोखाधड़ी की है। एबीजी शिपयार्ड ने कम से कम 98 संबंधित कंपनियों को धन दिया।
ABG Shipyard Fraud case: एबीजी शिपयार्ड फ्रॉड केस में सीबीआई ने कंपनी के पूर्व अध्यक्ष ऋषि अग्रवाल सहित अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है। इन लोगों पर 22842 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। सीबीआई इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने ऋषि अग्रवाल सहित पांच व्यक्तियों के अलावा सिंगापुर की तीन कंपनियों सहित 19 कंपनियों को आरोपी बनाया है। अधिकारी ने कहा कि अग्रवाल की कुछ लग्जरी संपत्तियों को भी सीबीआई ने जब्त किया है।
सीबीआई ने ऋषि अग्रवाल को किया था अरेस्ट
एजेंसी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके पूर्व निदेशकों ऋषि अग्रवाल, संथानम मुथुस्वामी और अश्विनी कुमार की जांच कर रही है। इन पर 22,842 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने का आरोप है। एबीजी शिपयार्ड ने भारतीय स्टेट बैंक, केंद्रीय जांच ब्यूरो, या सीबीआई सहित 28 बैंकों के बकाया 22,842 करोड़ रुपये के ऋण लेकिन धोखाधड़ी की है। एबीजी शिपयार्ड ने कम से कम 98 संबंधित कंपनियों को धन दिया। सीबीआई ने ऋषि अग्रवाल को 21 सितंबर को अरेस्ट किया था। ऋषि अग्रवाल का संबंध उद्योपगति घराना रुईया बंधु से है। वर्ष 2007 में एबीजी शिपयार्ड को गुजरात सरकार की ओर से एक लाख 21 हजार वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई थी। वाइब्रेंट गुजरात में भी ऋषि ने बड़े निवेश का वादा किया था। विभिन्न रिपोर्टों से मिली जानकारी के अनुसार, ऋषि ने सिंगापुर की नागरिकता भी हासिल कर रखी है।
जहाज निर्माण करने वाली प्रमुख कंपनी
एबीजी शिपयार्ड एबीजी समूह की प्रमुख कंपनी है जो जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत में लगी हुई है। शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। दहेज और सूरत में स्थित इसके शिपयार्ड ने पिछले 16 वर्षों में 165 से अधिक जहाजों का निर्माण किया है। इनमें से छियालीस जहाज निर्यात के लिए थे।
बैंकों का है हजारों करोड़ रुपये बकाया
भारतीय स्टेट बैंक की एक शिकायत के अनुसार, कंपनी पर बैंक का 2,925 करोड़ बकाया है। इसके अलावा ICICI बैंक का 7,089 करोड़, IDBI बैंक का 3,634 करोड़, बैंक ऑफ़ बड़ौदा का 1,614 करोड़, PNB का 1,244 और आईओबी का 1,228 करोड़ का बकाया है।
सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाया कि अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 की अवधि के लिए मैसर्स अर्न्स्ट एंड यंग एलपी द्वारा प्रस्तुत फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट दिनांक 18.01.2019 से पता चला है कि आरोपियों ने एक साथ मिलीभगत की है और धन के दुरुपयोग, आपराधिक विश्वासघात सहित अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया है।
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