सार
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बेहद करीब है। अगर आपने आईटीआर फाइल नहीं किया है तो जल्दी करें, क्योंकि सरकार इसकी तारीख नहीं बढ़ाएगी। ऐसे भी समय पर आईटीआर फाइल करने के कई फायदे हैं।
बिजनेस डेस्कः इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अभी तक आपने अगर ITR फाइल नहीं किया है तो अभी भी वक्त है। राजस्व सचिव ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार आयकर रिटर्न भरने के लिए 31 जुलाई की समय सीमा को बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है। विभाग ने सलाह दी है कि समय से अपना आईटीआर फाइल कर लें। यदि आप टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और आप सही समय पर आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो 10,000 तक पेनाल्टी देनी पड़ सकती है। टैक्स समय से भरने के कई फायदे भी हैं आइए जानते हैं।
इनकम का होता है प्रमाण
इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से एक प्रमाण पत्र मिलता है। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के साथ फॉर्म 16 भरा जाता है। यह फॉर्म 16 वहां से मिलता है, जहां कोई नौकरी कर रहा होता है। इससे यह प्रमाणित हो जाता है कि व्यक्ति की सालाना इनकम क्या है।
बैंक से लोन लेने में सुविधा
अगर कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेना चाहता है, तो बैंक इनकम टैक्स रिटर्न मांगते हैं। इसे सभी सरकारी और निजी संस्थानों में आय के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जाता है। अगर कोई नियमित तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करता है, तो उसे बैंक आसानी से लोन दे देते हैं। इससे दूसरी फाइनेंशियल सर्विसेस मिलने में भी सुविधा होती है।
वीजा के लिए है जरूरी
अगर कोई किसी दूसरे देश में जा रहा है तो वीजा के लिए अप्लाई करना पड़ता है। वीजा देने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जा सकता है। कई देशों में 3 से 5 साल के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की मांग की जाती है।
ऐड्रेस प्रूफ के रूप में आता है काम
इनकम टैक्स रिटर्न ऐड्रेस प्रूफ के तौर पर भी काम आता है। इनकम टैक्स की रसीद किसी के रजिस्टर्ड पते पर भेजी जाती है। वैसे, कई जगहों पर ऐड्रेस प्रूफ के लिए सिर्फ इनकम टैक्स रिटर्न से काम नहीं चल सकता।
अपना बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी
अपना बिजनेस शुरू करने के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना बहुत जरूरी है। इससे कई तरह के फायदे होते हैं। अगर कोई किसी सरकारी विभाग से कॉन्ट्रैक्ट लेना चाहता है, तो इसके लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े कागजात दिखाने पड़ते हैं। सरकारी विभागों में कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए 5 साल का इनकम टैक्स रिटर्न देना पड़ता है।
पैसों के लेन-देन के लिए जरूरी
अगर कोई बड़ी रकम का लेन-देन कर रहा है, तो इसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना बहुत जरूरी है। प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने, बैंक में बड़ी रकम जमा करने और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत पड़ती है।
ज्यादा बड़ी राशि के बीमा के लिए
अगर कोई बड़ी राशि का बीमा लेना चाहता है, तो इसके लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है। एक करोड़ रुपए का बीमा कवर या टर्म प्लान लेने पर बीमा कंपनियां इनकम टैक्स रिटर्न की मांग करती हैं।
लगता है जुर्माना
कोई भी व्यक्ति जो इनकम टैक्स के दायरे में आता है और समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करता, उस पर जुर्माना लग सकता है। यह व्यक्ति की इनकम पर तय करता है कि जुर्माने की राशि क्या होगी। कई बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाता है।
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