सार
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पिछले दो चीनी सत्रों का 2,400 करोड़ रुपये का बकाया है खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी
नई दिल्ली: चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पिछले दो चीनी सत्रों का 2,400 करोड़ रुपये का बकाया है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दो लगातार चीनी सत्रों 2017-18 और 2018-19 में अधिशेष चीनी उत्पादन की वजह से चीनी की कीमतों में गिरावट का रुख है। इससे चीनी मिलों की नकदी की स्थिति प्रभावित हुई है।
अधिकारी ने बताया कि पिछले महीने तक चीनी मिलों ने 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के चीनी सत्र का 84,700 करोड़ रुपये और 2017-18 का 84,900 करोड़ रुपये चुकाया था। अभी चीनी मिलों पर 2018-19 के चीनी सत्र का 2,300 करोड़ रुपये और 2017-18 का 100 करोड़ रुपये का बकाया है। अधिकारी ने कहा कि गन्ना किसानों को भुगतान एक सतत प्रक्रिया है।
85,000 करोड़ के बकाये का भुगतान करना है
अधिकारी ने कहा कि मिलों को फरवरी, 2020 तक 2018-19 के लिए 87,000 करोड़ रुपये और 2017-18 के सत्र के लिए 85,000 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान करना है। देश की चीनी मिलों की नकदी की स्थिति सुधारने और उन्हें गन्ना बकाया चुकाने में मदद करने को सरकार ने 2017-18 और 2018-19 के चीनी सत्र में कई उपाय किए हैं।
अधिकारी ने कहा कि अभी तक विभिन्न सहायता योजनाओं के तहत चीनी मिलों को 1,574 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत चीनी मिलों को किसानों को गन्ने की आपूर्ति के 14 दिन के भीतर गन्ने का भुगतान करना होता है। यदि मिलें ऐसा करने में विफल रहती हैं तो उन्हें विलंब से भुगतान पर 15 प्रतिशत की वार्षिक दर पर ब्याज भी देना पड़ता है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)