सार

कोचर दंपत्ति की गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी की है। सीबीआई ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल किया था। बता दें कि दंपत्ति के बेटे की शादी 15 जनवरी को है।

ICICI bank Former CEO arrest: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई भी पूरी कर ली है लेकिन फैसला अभी नहीं सुनाया है। माना जा रहा है कि सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट इस मामले में बड़ा फैसला देगा। कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह चंदा और दीपक कोचर के बेटे की शादी के आधार पर फैसला नहीं करने जा रहा है। बल्कि मेरिट के आधार पर अपना फैसला बेंच देगा। दरअसल, कोचर दंपत्ति की गिरफ्तारी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी की है। सीबीआई ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल किया था। बता दें कि दंपत्ति के बेटे की शादी 15 जनवरी को है। 

24 दिसंबर को कोचर दंपत्ति को किया गया था अरेस्ट

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व चीफ चंदा कोचर को सीबीआई ने 24 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इसी बैंक फ्रॉड केस में चंदा कोचर की गिरफ्तारी के बाद उनके पति दीपक कोचर की भी गिरफ्तारी की गई। दरअसल, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने बैंक नियमों को दरकिनार कर वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को दिया था। बैंक से धूत की कंपनी वीडियोकॉन कंपनी केा 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया। यह लोन 2012 में पास किया गया था। आरोप है कि इस लोन के बदले वीडियोकॉन कंपनी के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी को लाभ पहुंचाया। एक दूसरे को लाभ पहुंचाने के क्रम में धूत ने दीपक कोचर की आल्टरनेविट इनर्जी कंपनी नूपावर में इन्वेस्ट किया।

कैसे हुआ खुलासा?

वीडियोकॉन कंपनी के एक शेयरहोल्डर अरविंद गुप्ता ने पीएमओ, रिजर्व बैंक और सेबी को लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। अरविंद गुप्ता ने कोचर दंपत्ति और वीडियोकॉन कंपनी के चेयरमैन के एक दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इन आरोपों के बाद साल 2018 में चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया था।

सीबीआई कर रही है जांच

बैंक लोन फ्रॉड की जांच सीबीआई कर रही है। दरअसल, 3250 करोड़ रुपये लोन लेने वालों ने बैंक का करीब 86 फीसदी यानी 2810 करोड़ रुपये चुकाया ही नहीं। यही नहीं एक के बाद एक कई कंपनियों में इन रकम की हेराफेरी दिखाई गई है। बीते दिनों चंदा कोचर की 78 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया गया था। कोचर दंपत्ति पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।

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