सार
31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी (India GDP Estimate) में 0.5 फीसदी कम करते हुए 9 फीसदी कर दिया है। जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में देखी जा रही है।
बिजनेस डेस्क। आज भारत वर्ष गणतंत्र दिवस को सेलीब्रेट कर रहा है। वहीं दूसरी खुशखबरी इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (International Monetary Fund) की ओर से आई है। आईएमएफ ने भविष्यवाणी (IMF Projection) की है कि भारत की जीडीपी वित्त (India GDP Estimate) वर्ष 2022 और 2023 में क्रमश: 9 फीसदी और 7.। फीसदी रहने का अनुमान है। खास बात तो ये है कि यह अनुमानित आंकड़ें अमरीका, यूके और चीन के अनुमानित जीडीपी से दोगुने है। वहीं दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने किया ट्वीट
इस बारे में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर एक और अच्छी खबर सामने आई है। पीएम जी की AtmaNirbharBharat पॉलिसी भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे रही हैं। जिसकी वजह से भारत दुनिया की मजबूत अर्थव्यवस्थाओं के सामने आगे दिखाई दे रहा है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आईएमएफ की आउटलुक रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि जिसकी वजह से जुबां पर यही बात आ रही है कि सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी।
भारत का जीडीपी अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ की ओर से भविष्यवाणी की गई है कि ग्लोबल इकोनॉमी 2022 में 4.4 फीसदी की गति से आगे बढ़गी। 2023 में इसके 3.8 फीसदी तक गिरने का अनुमान है। वहीं दूसरी ओर आईएमएफ ने भारत की जीडीपी अनुमान को संशोधित किया है। 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 0.5 फीसदी कम करते हुए 9 फीसदी कर दिया है। जो दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में देखी जा रही है। आईएमएफ के नए आंकड़ों के अनुसार, भारत की अनुमानित जीडीपी वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9 फीसदी थी। अगले आर्थिक वर्ष 2022-2023 में विकास दर लगातार 9 फीसदी पर ही रहेगी।
अमरीका, यूके, चीन से कहीं आगे भारत
दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका 4 फीसदी की दर से बढ़ेगी जबकि चीन 4.8 फीसदी की दर से बढ़ेगा। इस बीच, यूरोपीय क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि इस वित्त वर्ष के 5.2 फीसदी से गिरकर 2022-23 में 3.9 फीसदी होने का अनुमान है। जबकि यूके का अनुमान 4.7 फीसदी, फ्रांस का 3.5 फीसदी, जापान का 3.3 फीसदी और रूस 2.8 फीसदी लगाया गया है। खास बात तो ये है कि भारत की जीडीपी इन तमाम देशों के मुकाबले दो से 4 गुना ज्यादा है।
भारत की स्थिति
इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में, आईएमएफ ने 2021 में भारत की जीडीपी वृद्धि 9.5 फीसदी और 2022 के लिए 8.5 फीसदी की भविष्यवाणी की थी। नए पूर्वानुमान आगामी वित्तीय वर्ष (2022-23) में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में 0.5% की वृद्धि का सुझाव देते हैं। अनुमान पहले के 8.5 फीसदी से बढ़कर अब 9 फीसदी हो गया है। एजेंसी का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि लगातार दो वर्षों तक 9 फीसदी रहेगी।
रिपोर्ट की अहम बात
संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2022 रिपोर्ट के अनुसार 2021 में मजबूती आने के बाद, ग्लोबल इकोनॉमी के 2022 में सिर्फ 4 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जबकि अगले वर्ष यह आंकड़ा 3.5 फीसदी रहने के आसार हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विश्व अर्थव्यवस्था के लिए काफी बाधाएं सामने थीं, जो कोविड-19 वैरिएंट की नई लहरों से पैदा हुई थीं, जिसमें लेबर मार्केट इश्यू, सप्लाई चेन की चुनौतियों के साथ-साथ बढ़ते महंगाई का दबाव शामिल था। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में अर्थव्यवस्था में 5.5 फीसदी की वृद्धि हुई।
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