सार
कंपनी ने यदि आपकी पेमेंट से TDS काट लिया है, तो आप TDS रिटर्न फाइल करें। आयकर विभाग (Income Tax Department) आपके वेतन या भुगतान पर लगने वाले आयकर की गणना करता है। कर योग्य आय नहीं होने पर काटी गई रकम रिफंड (Refund) कर दी जाती है।
बिजनेस डेस्क, Income Tax Rules and ITR Update : छोटी नैकरीपेशा लोग लगो टीडीएस कटौती को लेकर परेशन रहते हैं। इन लोगों की कर योग्य आय ना होने के बावजूद TDS डिडक्ट हो जाता है। कई सारे लोग जो कॉन्ट्रेक्ट बेस परकाम करते हैं उनका भी टीडीएस करकर पेमेंट मिलता है। दरअसल सालाना 30 हजार की रासि का अधिक भुगतान होने पर टीडीएस कट होने लगता है। हालांकि ये रिटर्न हो जाता है, पर अधिकतर लोगों को प्रोसेस पता नहीं होने की वजह से नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसे वापस पाना बहुत आसान है। इइसके लिए बस आपको रिटर्न फाइल करना होता है।
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TDS रिफंड पाने का तरीका
जिस संस्थान में आप काम कर रहे हैं, उस कंपनी ने कर योग्य आय ना होने के बावजूद TDS काट लिया है, तो आप अपना TDS रिटर्न फाइल करें। आयकर विभाग (Income Tax Department) आपके वेतन या भुगतान पर बनने लगने वाला आयकर की गणना करता है। अगर ये टैक्स आपकी कंपनी की ओर से माइनस की गई रकम से कम होती है तो बाकि टैक्स की रकम आपको रिफंड (Refund) कर दी जाती है। वहीं कंपनी की ओर से माइनस की गई रकम कम है और टैक्सेबल अमाउंट (Payble Taxable) अधिक है तो विभाग आपको शेष TDS की रकम जमा करने के लिए आदेशित करेगा। वहीं ध्यान रखें कि आपको रिटर्न दाखिल करते समय अपनी बैंक डिटेल जिसमें अकाउंट नंबर, बैंक का नाम IFSC कोड सहित बैंक में दर्ज आपका नाम देना होता है। इसी खाते में रिफंड दिया जाता है।
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फिक्स डपॉडिट पर TDS
बैंक आपके फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस की कटौती करता है तो कर योग्य आय ना होने की स्थिति में आपको TDS की ये रकम रिफंड कर दी जाती है। इसके लिए आपके पास दो ऑप्शन हैं।
ऑप्शन 1. बैंक में यदि पैन कार्ड नंबर दाखिल है तो आयकर रिटर्न भरत समय ये डिडक्शन अपने आप दिखने लगता है। वहीं आय़कर विभाग आपकी टैक्स देनदारी को ऑटो फॉर्म में कैलकुलेटकर लेता है। यदि कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती है तो बैंक खाते में ये रिफंड आ जाता है।
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ऑप्शन 2. आप फॉर्म 15G फिल कर सकते हैं। बैंक अपने खाताधारकों को ये फॉर्म उपलब्ध कराता है। इस फॉर्म में डिटेल भरकर देने पर भी आपको रिफंड कर दिया जाता है।