सार
5G की नीलामी भारत सरकार के नीलामी भवन के DoT के वॉर रूम में ऑनलाइन नीलामी होगी। सरकार ने इस नीलामी सफल प्रैक्टिस 13 और 14 मई को की थी। इसकी कीमत 96,317.65 करोड़ रुपए होगी। इसमें रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (VI) इसमें भाग ले रही हैं।
बिजनेस डेस्क. भारत में आज 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हो चुकी है। इसकी कीमत 96,317.65 करोड़ रुपए होगी। इस नीलामी में प्राइवेट सेक्टर की तीन बड़ी कंपनियां रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (VI) इसमें भाग ले रही हैं। इस नीलामी में टोटल 8 स्पेक्ट्रम बैंड नीलामी में रखे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। इससे पहले साल 2022 में स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी। इस नीलामी में सरकार को 1.5 ट्रिलियन रुपए की कमाई हुई थी।
संचार भवन के DoT के वॉर रूम में होगी ऑनलाइन नीलामी
5G की नीलामी भारत सरकार के नीलामी भवन के DoT के वॉर रूम में ऑनलाइन नीलामी होगी। सरकार ने इस नीलामी सफल प्रैक्टिस 13 और 14 मई को की थी। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि तीनों टेलीकॉम कंपनियां लगभग 12,500 करोड़ की कीमत के स्पेक्ट्रम को खरीद सकते हैं। यह टोटल कीमत वाले एयरवेव का सिर्फ 13% है। संचार मंत्रालय ने कहा कि इस स्पेक्ट्रम नीलामी में 10,522.35 MHz के बैंड को नीलाम किया जाएगा। इससे पहले साल 2022 में 51,236 MHz के स्पेक्ट्रम नीलाम हुए थे।
स्पेक्ट्रम की मांग में आई कमी
पिछली बार यानी साल 2022 में इस बार से सात गुना ज्यादा स्पेक्ट्रम बेचे गए थे। इसमें जियो ने और एयरटेल ने अपने कस्टमर के हिसाब से 20 से 22% तक 5G स्पेक्ट्रम की खरीदारी की थी।
जानें क्या होता है स्पेक्ट्रम
स्पेक्ट्रम इलेक्ट्रोमैगनेटिक फ्रीक्वेंसी होती हैं, जिसका इस्तेमाल मोबाइल, वॉइस, डेटा कनेक्टिविटी के लिए होता है। कंपनियां अपने ग्राहकों को बेहतर सर्विस उपलब्ध करवाने के लिए इसे नेशनल रेगुलेटर यानी सरकार से खरीदा जाता है। तरंग यानी वेव का इस्तेमाल रिमोट, टीवी और रेडियो आदि में भी इस्तेमाल किया जाता है। हर जगह बैंड्स का स्तर अलग-अलग होता है, जिसका काम कनेक्टिविटी तैयार करना है।
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