सार

किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 14 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 7 नई कृषि योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं में फसल विज्ञान, डिजिटल कृषि, पशुधन स्वास्थ्य, और बागवानी विकास शामिल हैं।

नई दिल्ली: किसानों की आय में वृद्धि के प्रमुख उद्देश्य के साथ, कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए, केंद्र सरकार ने सोमवार को 14 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 7 बड़ी योजनाओं की घोषणा की।

फसल विज्ञान योजना (3979 करोड़ रुपये), डिजिटल कृषि मिशन (2817 करोड़ रुपये), कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान कार्यक्रम (2291 करोड़ रुपये), सतत पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन योजना (1702 करोड़ रुपये), बागवानी सतत विकास (860 करोड़ रुपये), कृषि विज्ञान केंद्रों का सुदृढ़ीकरण (1202 करोड़ रुपये) और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (1115 करोड़ रुपये) योजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। इन योजनाओं की कुल लागत 13966 करोड़ रुपये है।

 

बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये समग्र कृषि योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर बनाई गई हैं। अनुसंधान और शिक्षा, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण और बागवानी और पशुधन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना इन कार्यक्रमों की प्राथमिकता है।

फसल विज्ञान पर जोर:

खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए फसल विज्ञान योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत छह स्तंभ हैं। 2047 तक खाद्य सुरक्षा प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल फसल उगाने के लिए किसानों को तैयार करना हमारा उद्देश्य है। वे छह स्तंभ हैं: अनुसंधान और शिक्षा। पौधों के आनुवंशिक संसाधनों का प्रबंधन। खाद्य और चारा फसलों का आनुवंशिक सुधार। दलहन और तिलहन फसलों में सुधार। व्यावसायिक फसलों में सुधार। कीट, सूक्ष्मजीव, परागणकों पर शोध।

 

2020 की नई शिक्षा नीति के अनुरूप कृषि अनुसंधान और शिक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान कार्यक्रम के लिए 2291 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आएगा।