सार

रिजू रवींद्रन अमेरिकी कोर्ट ने बायजू की अमेरिकी सहायक कंपनी बायजू अल्फा को उसके टर्म लोन के हिस्से के रूप में मिले 533 मिलियन डॉलर का खुलासा करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश का पालन न करने पर उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया गया है।

बिजनेस डेस्क. एडुटेक कंपनी बायजू की मुश्किलें कम होने का नाम ले रही है। अब कंपनी के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन के भाई पर भी मुश्किलें आई हैं। दरअसल, रिजू रवींद्रन अमेरिकी कोर्ट ने बायजू की अमेरिकी सहायक कंपनी बायजू अल्फा को उसके टर्म लोन के हिस्से के रूप में मिले 533 मिलियन डॉलर का खुलासा करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश का पालन न करने पर उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया गया है।

कोर्ट ने पुछा पैसा कहां छुपाया

इस मामले में रिजू रवींद्रन पर कोर्ट ने पेनाल्टी लगाई है। हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि उन्हें कितना जुर्माना चुकाना होगा। जुर्माने की राशि को आगे की सुनवाई तय किया जाएगा। कर्ज देने वाले लोगों ने कहा कि कोर्ट ने रवीद्रंन की गवाही पर भरोसा नहीं किया है। ऐसा हो सकता है कि रवींद्रन जानते है कि पैसा कहा छुपाया जा रहा है। उन्होंने जगह का पता लगाने की कोशिश नहीं की। लेनदारों ने ये भी कहा कि चोरी हुई रकम की वसूली के लिए जरूरी कानूनी कार्रवाई करेंगे।

जानें क्या है पूरा मामला

मई 2023 में लेनदारों ने बायजू अल्फा पर 533 मिलियन डॉलर को छिपाने का आरोप लगाया था। फिर सितंबर में लेनदारों ने दावा किया कि रिजू ने इस रकम को ऑब्स्क्योर हेज फंड कैमसॉफ्ट कैपिटल में छुपाया है। इसके बाद नवंबर 2023 में कोर्ट ने रिजू को कंपनी के डायरेक्टर पद से हटाने की मंजूरी दी। इसके बाद कोर्ट ने कैमसॉफ्ट कैपिटल के फाउंडर विलियम मार्टन की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।अब रिजू को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया गया।

यह भी पढ़ें…

राहुल गांधी के आरोप, अडानी ग्रुप की सफाई, जानें क्या है कोल घोटाले का पूरा मामला