नौकरी बदलने पर पुराना PF नए खाते में ट्रांसफर करना ज़रूरी है। इससे ब्याज पर टैक्स और चक्रवृद्धि ब्याज के नुकसान से बचते हैं। यह 10 साल की निरंतर सर्विस सुनिश्चित कर पेंशन लाभ भी सुरक्षित करता है।

नई नौकरी, बेहतर सैलरी, करियर में बदलाव... इन सबके बीच ज़्यादातर लोग अपनी पुरानी कंपनी के प्रोविडेंट फंड (PF) खाते को भूल जाते हैं। 'अरे, पड़ा रहने दो, बाद में देख लेंगे' वाला रवैया आपके रिटायरमेंट की बचत में लाखों का नुकसान करा सकता है, क्या आप जानते हैं? आइए जानते हैं कि नौकरी बदलते समय पीएफ का पैसा नए खाते में ट्रांसफर करना क्यों ज़रूरी है...

1. ब्याज रुक जाएगा, टैक्स भी लगेगा

अगर आपके पुराने पीएफ खाते में 36 महीनों तक कोई नया पैसा जमा नहीं होता है, तो वह खाता 'डॉरमेंट' (निष्क्रिय) हो जाता है। ऐसे निष्क्रिय खाते में जमा रकम पर मिलने वाले ब्याज पर आपको बाद में टैक्स देना पड़ सकता है। लेकिन अगर आप पुराना पैसा नए खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं, तो यह एक एक्टिव खाते का हिस्सा बन जाता है और बिना टैक्स के इस पर ब्याज बढ़ता रहता है।

2. चक्रवृद्धि ब्याज का नुकसान होगा

सीधे शब्दों में कहें तो, छोटी-छोटी रकम अलग-अलग जगह पड़ी रहने के बजाय जब एक बड़ी रकम एक ही जगह जमा होती है, तो चक्रवृद्धि ब्याज का पूरा फायदा मिलता है। दस-बीस साल बाद एक ही खाते में जमा रकम से होने वाला फायदा, अलग-अलग बिखरे हुए खातों की तुलना में बहुत ज़्यादा होगा।

3. पेंशन रुकने का खतरा

पीएफ की रकम जितनी ही ज़रूरी आपकी पेंशन भी है। रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की सर्विस ज़रूरी होती है। अगर आप हर बार नौकरी बदलते समय अपना पीएफ ट्रांसफर नहीं करते हैं, तो आपकी सर्विस की अवधि ठीक से दर्ज नहीं हो पाती। इससे आपके 10 साल पूरे नहीं हो पाएंगे और आप पेंशन का फायदा खो सकते हैं।

4. टैक्स के बोझ से बच सकते हैं

लगातार पांच साल की सर्विस पूरी करने के बाद पीएफ निकालने पर कोई टैक्स नहीं लगता। लेकिन अगर आप पुराने खाते का पैसा ट्रांसफर किए बिना उसे निकालने की कोशिश करते हैं, और उस खाते की अवधि पांच साल से कम है, तो आपको एक बड़ी रकम टैक्स के रूप में देनी पड़ सकती है। खाता ट्रांसफर करने से आपकी सर्विस की कुल अवधि जुड़ जाती है।

कैसे ट्रांसफर करें?

पीएफ ट्रांसफर करने के लिए आपको दफ्तरों के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं है। यह काम आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं:

यूएएन एक्टिवेट करें: पक्का करें कि आपका यूएएन नंबर एक्टिव है और उससे आपका आधार और फोन नंबर लिंक है।

केवाईसी पूरा करें: पोर्टल पर अपने बैंक खाते और पैन कार्ड की जानकारी अपडेट करें।

जानकारी मिलाएं: यह पक्का कर लें कि आपका नाम और जन्मतिथि आधार और पीएफ रिकॉर्ड में एक जैसी हो।

ऑनलाइन आवेदन: unifiedportal-mem.epfindia.gov.in साइट पर जाकर 'One Member - One EPF Account' लिंक के ज़रिए ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं।

अगर आवेदन देने के 30 दिनों के अंदर भी ट्रांसफर नहीं होता है, तो आप 'EPFiGMS' पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।