Bitcoin Price History : डिजिटल दुनिया का 'सोना' कहे जाने वाले बिटकॉइन ने पिछले 15 साल में निवेशकों को करोड़ों का रिटर्न दिया है। 15 साल में इसमें सिर्फ 1 रुपए लगाने वाले भी आज करोड़पति बन गए हैं। 14 अगस्त को इसकी कीमत ऑल टाईम हाई पहुंच गई।
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Bitcoin Price : अगर 2009 में आप बिटकॉइन में सिर्फ 1 रुपए से भी कम का निवेश करते, तो आज आपका पैसा ₹1 करोड़ से ज्यादा होता। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। गुरुवार, 14 अगस्त 2025 को बिटकॉइन ने इतिहास रच दिया और पहली बार ₹1.08 करोड़ के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया। इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) ने इन्वेस्टर्स को पिछले 15 साल में लाइफ बदल देने वाली कमाई दी है। आइए जानते हैं इस कॉइन ने कैसे मालामाल बनाया है...
बिटकॉइन का रिटर्न कितना रहा है? (Bitcoin Return)
बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में सतोशी नाकामोटो नाम के शख्स ने की थी। उस समय इसकी कीमत लगभग शून्य के करीब थी। अक्टूबर 2010 में इसमें पहला बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जब 1 बिटकॉइन की कीमत 0.10 डॉलर यानी लगभग 8 रुपए तक पहुंच गई। उस साल के अंत तक यह 0.30 डॉलर पर पहुंच गई और महज तीन साल बाद 2013 तक इसकी वैल्यू 1,000 डॉलर पहुंच गई, यानी आज के हिसाब से 87,000 रुपए। आज, बिटकॉइन की कीमत 1.08 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। यानी जो कोई शुरुआती निवेशक 2009 या 2010 में सिर्फ कुछ रुपए का निवेश करता, उसका पैसा आज करोड़ों में बदल चुका होता।
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बिटकॉइन का ऑल-टाइम हाई क्यों? (Bitcoin Price)
बिटकॉइन की कीमत बढ़ने के पीछे कई वजहें हैं। इनमें अमेरिकी नीतियों में बदलाव, जिनमें बैंकों पर क्रिप्टो कंपनियों के साथ काम करने की पाबंदी हटाना शामिल है। इसके अलावा संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है। बड़े निवेशकों ने अरबों डॉलर बिटकॉइन ETFs में लगाए हैं। क्रिप्टो मार्केट में स्वीकार्यता बढ़ी है। लंदन, थाईलैंड जैसे देशों में ETF को मंजूरी दी है।
बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है? (What is Bitcoin and how it work)
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है, जो बिना किसी बैंक या सरकार के कंट्रोल के है। यह कोई नोट या सिक्का नहीं, बल्कि डिजिटल कोड है, जो आपके वॉलेट में सेफ रहती है। इसे इंटरनेट के जरिए दुनिया में कहीं भी भेजा जा सकता है। इसकी संख्या सीमित है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है, जिसमें सारे लेनदेन रिकॉर्ड होते हैं। यह हजारों कंप्यूटर पर मौजूद रहता है, जिससे डेटा सुरक्षित और पारदर्शी रहता है। जब कोई बिटकॉइन भेजा जाता है, तो लेनदेन को माइनर्स वैरिफाइड करते हैं। बदले में उन्हें नए बिटकॉइन मिलते हैं।
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डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। इसमें दी गई कोई भी जानकारी या डेटा निवेश सलाह नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।
