सार
खासकर देश के शहरी इलाकों में घरों की कीमतें बढ़ने की वजह से ज़्यादा छूट की मांग बढ़ रही है।
2025-26 का केंद्रीय बजट आने में कुछ ही दिन बचे हैं और होम लोन लेने वालों की उम्मीदें आसमान छू रही हैं। बढ़ती ब्याज दरों से जूझ रहे लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री कुछ राहत भरी घोषणाएँ करेंगे। खासकर देश के शहरी इलाकों में घरों की कीमतें बढ़ने की वजह से ज़्यादा छूट की मांग बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि सेक्शन 80C और 24B (पुरानी टैक्स व्यवस्था) के तहत मिलने वाली मौजूदा टैक्स छूट नाकाफी हैं।
अभी होम लोन लेने वालों को पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत सेक्शन 80C और 24B के तहत छूट मिलती है। खुद रहने के लिए लिए गए होम लोन पर, सेक्शन 24(B) के तहत 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर और सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के मूलधन के भुगतान पर टैक्स छूट मिलती है। लेकिन पिछले कुछ सालों में होम लोन की ब्याज दरें और घरों की कीमतें दोनों ही बढ़ी हैं।
क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना बहाल हो
31 मार्च 2022 तक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना उपलब्ध थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग के लोगों को कम ब्याज दरों पर होम लोन मिलते थे। इसे फिर से शुरू करने की मांग उठ रही है।
सेक्शन 80EEA
सेक्शन 80EEA के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज पर 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त छूट मिलती थी। मार्च 2022 के बाद इसे बंद कर दिया गया। इससे भी होम लोन लेने वालों को झटका लगा है।