सार
भारत तेजी से दुनिया की टॉप-3 सबसे बड़ी अर्थव्यव्स्था में शामिल होने की दिशा में बढ़ रहा है। कई स्टडी रिपोर्ट्स में भी इस बात का खुलासा हुआ है। बता दें कि 2047 तक देश की कुल जीडीपी में होटल इंडस्ट्री का योगदान 1 ट्रिलियन डॉलर होगा।
Hotel Industry Contribution: भारत तेजी से दुनिया की टॉप-3 सबसे बड़ी अर्थव्यव्स्था में शामिल होने की दिशा में बढ़ रहा है। कई स्टडी रिपोर्ट्स में भी इस बात का खुलासा हुआ है। हाल ही में होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HAI) और बेनोरी नॉलेज की 'विजन 2047: इंडियन होटल इंडस्ट्री' रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि 2047 तक देश की GDP में होटल इंडस्ट्री का योगदान 1 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा।
होटल इंडस्ट्री के योगदान में ये सेक्टर होंगे शामिल
विदेशी और घरेलू पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखकर रिपोर्ट में इस बात का अनुमान लगाया गया है कि 2047 तक भारत की होटल इंडस्ट्री 1 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि होटल इंडस्ट्री के कुल योगदान में फूड एंड बेवरेजेस, सैलून और स्पा जैसे सेक्टर तो शामिल हैं। लेकिन इसमें सर्विस सेक्टर के डेवलपमेंट को नहीं जोड़ा गया है।
2030 तक घरेलू पर्यटकों की संख्या होगी 150 करोड़
विजन 2047 रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में देश की GDP में होटल इंडस्ट्री का योगदान 3.33 लाख करोड़ रुपए था। 2027 तक यह बढ़कर 5.66 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। वहीं, 2030 तक डोमेस्टिक टूरिस्टों की संख्या 150 करोड़ हो जाएगी। 2047 तक यह आंकड़ा 1500 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
2047 तक विदेशी पर्यटकों की संख्या होगी 10 करोड़
साल 2024 में फॉरेन टूरिस्ट अराइवल (FTA) यानी विदेशी पर्यटकों का आगमन 1.5 करोड़, 2030 तक 2.5 करोड़ और 2047 तक 10 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। बता दें कि 2021 में विदेशी पर्यटकों का आगमन 15 लाख था। वहीं, 2019 के दौरान ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री ने GDP में 6.5% यानी 13.68 लाख करोड़ का कंट्रीब्यूशन किया था।
ग्रामीण इलाकों में पर्यटन को बढ़ाने की जरूरत
होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HAI) के जनरल सेक्रेटरी MP बेजबरुआ के मुताबिक, 2-टियर और 3-टायर शहरों के अलावा गांवों को भी पर्यटन के लिहाज से विकसित करने की जरूरत है। आने वाले कुछ सालों में देशी-विदेशी पर्यटक टूरिस्ट में नए अनुभवों को लेने के लिए इन इलाकों में घूमना पसंद करेंगे। ऐसे में छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में टूरिज्म की संभावनाओं को देखते हुए काम किया जाना चाहिए। इससे बड़े शहरों पर बोझ कम होने के साथ ही रिमोट एरिया में टूरिस्ट बढ़ेगा।
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