केंद्र सरकार ने मुंबई बंदरगाह पर 'विकसित भारत मुंबई मरीना' नाम से एक वर्ल्ड-क्लास मरीना बनाने के लिए 887 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट का मकसद समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देना है और इसमें 424 यॉट (नावों) के लिए जगह होगी।
मुंबई: भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के बंदरगाह पर एक वर्ल्ड-क्लास मरीना बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 887 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसका मकसद तटीय शिपिंग, समुद्री पर्यटन और वॉटरफ्रंट डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है। 'विकसित भारत मुंबई मरीना' नाम के इस प्रोजेक्ट को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने मंजूरी दी है और यह केंद्र की व्यापक ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने की योजना के अनुरूप है।
क्या है मुंबई मरीना प्रोजेक्ट?
प्रस्तावित मरीना मुंबई बंदरगाह पर करीब 12 हेक्टेयर के पानी वाले इलाके में बनाया जाएगा। इसमें 30 मीटर तक की लंबाई वाले 424 यॉट खड़े करने की क्षमता होगी, जो इसे देश की सबसे बड़ी सुविधाओं में से एक बनाएगा। आधिकारिक बयानों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट को मुंबई को वैश्विक समुद्री पर्यटन के नक्शे पर मजबूती से स्थापित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
कितना खर्च आएगा और कौन निवेश करेगा?
प्रोजेक्ट की कुल लागत 887 करोड़ रुपये आंकी गई है। मुंबई पोर्ट अथॉरिटी EPC आधार पर मुख्य समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए करीब 470 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। बाकी 417 करोड़ रुपये प्राइवेट ऑपरेटरों द्वारा निवेश किए जाएंगे, जो ऑफ-शोर सुविधाओं का विकास करेंगे। इसके लिए टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं और बोलियों को 29 दिसंबर को अंतिम रूप दिया जाना तय है।
किस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर होगा?
यॉट के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए समुद्री हिस्से में एक अप्रोच ट्रेस्टल, पाइल्ड ब्रेकवाटर, सर्विस प्लेटफॉर्म, पोंटून और गैंगवे शामिल होंगे। वहीं, किनारे पर प्राइवेट डेवलपर एक मरीना टर्मिनल, नमो भारत इंटरनेशनल सेलिंग स्कूल, समुद्री पर्यटन विकास केंद्र, होटल और क्लब हाउस सुविधाएं, स्किल डेवलपमेंट सेंटर और यॉट की मरम्मत और स्टॉकिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएंगे।
यह प्रोजेक्ट क्यों महत्वपूर्ण है?
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह मरीना "वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगा, तट को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोलेगा, निजी निवेश को बढ़ावा देगा और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।" समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से समुद्री संचालन, हॉस्पिटैलिटी, क्रूज सेवाओं और संबंधित क्षेत्रों में 2,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
केंद्र ने इसे राष्ट्रीय योजना बताया
यह मरीना, मैरीटाइम इंडिया विजन 2030, मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047, सागरमाला कार्यक्रम और क्रूज भारत मिशन जैसे प्रमुख राष्ट्रीय ढांचों के अनुरूप है, जो एक प्रमुख समुद्री और पर्यटन केंद्र के रूप में मुंबई की भूमिका को और मजबूत करेगा।
