सार

सरकार ने 21 जून को इससे निपटने के लिए सितंबर, 2024 तक तुअर और चना दालों को स्टोर करने पर रोक लगा दी हैं। सरकार ने यह आदेश थोक विक्रेताओँ, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी सीरीज के खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयात करने वालों के लिए लागू किया है।

बिजनेस डेस्क. बीते कुछ दिनों में सब्जियों, फलों और दालों की कीमतों में तेजी से उछाल आया हैं। इसका एक कारण जमाखोरी को बताया जा रहा है। ऐसे में सरकार ने 21 जून को इससे निपटने के लिए सितंबर, 2024 तक तुअर और चना दालों को स्टोर करने पर रोक लगा दी हैं। सरकार ने यह आदेश थोक विक्रेताओँ, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी सीरीज के खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयात करने वालों के लिए लागू किया है। यह आदेश 21 जून से लागू होगा।

सिर्फ इतनी दालों को किया जा सकेगा स्टोर

सरकारी आदेश के मुताबिक, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 30 सितंबर, 2024 तक तुअर और काबुली चने सहित दूसरी दालों के लिए भंडारण   सीमा तय की गई हैं। इसमें लागू भंडार सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए पांच टन तय की गई हैं। बड़ी सीरीज वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए ये लिमिट 200 टन तय की गई है। यह एनुअल लिमिट भंडारण क्षमता के 25% है।

दाल आयात करने वालों के लिए यह नियम

आयातकों के लिए नए नियम बनाए गए है। इसमें कस्टम शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिनों से ज्यादा आयात की हुई दालों को स्टोर नहीं कर सकते है। आदेश में कहा गया कि उनके पास भंडार तय सीमा से ज्यादा है, तो उन्हें 12 जुलाई 2024 तक इसे तय भंडार तक लाना होगा। सरकार ने कहा कि तुअर और चने पर की भंडारण सीमा लगाना जरूरी है। वहीं, स्टाफ स्टॉक के बारे में जानकारी देने वाले पोर्टल के जरिए दालों के भंडार पर बारीकी से नजर रख रहा है।

दालों की कीमतें 15 दिनों में बढ़ी

  • उड़द की 31 मई को कीमत 118.32 रुपए थी। अब 119 रुपए प्रति किलो हो गई।
  • अरहर की 31 मई को कीमत 157.2 रुपए थी। अब 161.27 रुपए प्रति किलो हो गई।
  • चने की दाल की 31 मई को कीमत 86.12 रुपए थी। अब 87.96 रुपए प्रति किलो हो गई।
  • मूंग की 31 मई को कीमत 118.32 रुपए थी। अब 119.04 रुपए प्रति किलो हो गई।
  • मसूर की 31 मई को कीमत 93.9 रुपए थी। अब 94.12 रुपए प्रति किलो हो गई।

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