सार
डिफेंस सेक्टर (Defence Sector) में आत्मनिर्भरता और रक्षा सामानों के आयात को कम करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। रविवार को डिफेंस मिनिस्ट्री ने 928 रक्षा प्रोडक्ट्स की एक लिस्ट जारी की है, जिन्हें अब भारत में ही तैयार किया जाएगा।
नई दिल्ली। डिफेंस सेक्टर (Defence Sector) में आत्मनिर्भरता और रक्षा सामानों के आयात को कम करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। रविवार को डिफेंस मिनिस्ट्री ने 928 रक्षा उत्पादों की एक लिस्ट जारी की है, जिन्हें अब भारत में ही बनाया जाएगा। इसके साथ ही अगले कुछ सालों में इन उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार स्वदेशीकरण के साथ ही डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
डिफेंस मिनिस्ट्री ने जारी की 928 रक्षा समानों की लिस्ट
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के आयात को कम करने के लिए ये कदम उठाया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 928 लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट्स (एलआरयू), सब-सिस्टम्स, स्पेयर और कंपोनेंट्स, हाई एंड मटीरियल्स और स्पेयर्स की चौथी लिस्ट जारी की है। इनमें अलग-अलग सैन्य प्लेटफॉर्म, इक्विपमेंट्स और हथियारों में लगने वाले कलपुर्जे भी शामिल हैं।
इन प्रोडक्ट्स पर अभी खर्च होते हैं 715 करोड़
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल विदेशों से आयात किए जाने वाले इन 928 आइटम्स पर 715 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ऐसे में अब मंत्रालय द्वारा जारी की गई लिस्ट में शामिल प्रोडक्ट्स को जल्द ही में बनाया और खरीदा जा सकेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उत्पादों की पहली सूची दिसंबर 2021, दूसरी मार्च, 2022 और तीसरी अगस्त, 2022 में जारी की जा चुकी है।
रक्षा उत्पादों के स्वदेशीकरण पर फोकस
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अब तक देश में आत्मनिर्भर भारत के तहत 1238 में से 310 उत्पादों का स्वदेशीकरण किया है। नई लिस्ट में 450 से ज्यादा आइटम अग्निशमन प्रणाली के घटक हैं। इसके अलावा 260 गैस टरबाइन और 147 आइटम शॉफ्टिंग से संबंधित हैं। लिस्ट में सुखोई-30 और जगुआर फाइटर जेट्स, हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 विमानों, बोर्ड युद्धपोतों पर मैग्जीन फायर-फाइटर सिस्टम्स और गैस टरबाइन जनरेटर के कई पार्ट्स भी शामिल हैं, जो स्वदेश में बनाए जाएंगे।
डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना मकसद
इससे पहले वाली लिस्ट में फाइटर जेट्स, टी-90 और अर्जुन टैंक, बीएमपी-सेकंज इन्फेंट्री कोम्बैट व्हीकल्स, डोर्नियर-228 विमानों, पनडुब्बियों के लिए कई सिस्टम, युद्धपोत और सबमरीन और एंटी-टैक मिसाइलों के कई कलपुर्जे शामिल किए गए थे। बता दें कि भारत ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ सालों में कई बड़े फैसले किए हैं। इनमें डिफेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना भी शामिल है।
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