सार
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तेजी के चलते सरकार का खजाना भर गया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 9 जुलाई, 2023 तक कुल टैक्स कलेक्शन 5.17 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है।
Direct Tax collections: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तेजी के चलते सरकार का खजाना भर गया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 9 जुलाई, 2023 तक कुल टैक्स कलेक्शन 5.17 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि से तुलना करें तो यह 14.65 प्रतिशत ज्यादा है।
रिफंड को छोड़ दें तो 4.75 लाख करोड़ का कलेक्शन :
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax collection) में तेजी देखने को मिल रही है। 9 जुलाई तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 5.17 लाख करोड़ रुपये रहा है। रिफंड को छोड़ दें तो डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन कुल 4.75 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले साल की तुलना में 15.87 प्रतिशत अधिक है।
टैक्सपेयर्स को दिया 42 हजार करोड़ का रिफंड
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 1 अप्रैल 2023 से लेकर 9 जुलाई 2023 तक टैक्सपेयर्स को 42 हजार करोड़ रुपये का रिफंड दिया जा चुका है। यह पिछले साल की इसी अवधि में दिए गए रिफंड की तुलना में 2.55 प्रतिशत ज्यादा है। बता दें कि एसेसमेट ईयर 20232-4 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी डेट 31 जुलाई, 2023 है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोग समय रहते अपना टैक्स जमा करने में लगे हैं।
Tax रिफंड पाने के लिए जरूरी है ITR
अगर किसी वजह से आपका इनकम टैक्स काट लिया गया है तो उसका रिफंड पाने के लिए आपको ITR फाइल करना होगा। आप जब ITR फाइल करते हैं तो इनकम टैक्स विभाग उसकी जांच करता है। अगर वाकई में आपका रिफंड बनता है, तो काटा गया पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
क्या है फॉर्म-16?
इनकम टैक्स फाइल करने के लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट फॉर्म-16 है। फॉर्म-16 में इनकम का पूरा ब्योरा होता है। इसके जरिए पता चलता है कि आपकी सालाना कमाई और टैक्स कटौती कितनी है। ये एक तरह से नियोक्ता द्वारा जारी TDS सर्टिफिकेट है। ITR फाइल करते समय, ये इंश्योर करना बेहद जरूरी है कि आपके द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला फॉर्म 16 पूरी तरह वैलिड है या नहीं।
ये भी देखें :
Income Tax Return: अगर आप भी आसानी से चाहते हैं लोन तो भरें ITR, जानें इसके 5 फायदे