सार

बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसा रखने के बजाय एफडी करना ज्यादा फायदेमंद और सुरक्षित होता है। हालांकि, कई बार लोग जल्दबाजी में सिर्फ ब्याज दर देख कर एफडी करा लेते हैं। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। एफडी लेते समय इन 5 बातों का ध्यान रखें। 

Fixed Deposit Tips: महंगाई के दौर में हर इंसान कुछ एक्सट्रा इनकम चाहता है। ऐसे में बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसा रखने के बजाय एफडी करना ज्यादा फायदेमंद और सुरक्षित रहेगा। इससे आप एक्स्ट्रा इनकम भी कमा सकते हैं। हालांकि, कई बार लोग सिर्फ रेट ऑफ इंटरेस्ट यानी ब्याज दर देखकर एफडी बुक कर देते हैं। बता दें कि एफडी कराते समय कुछ और बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं।

1- FD का टेन्योर (अवधि) देखना जरूरी :

एफडी बुक कराते समय हमेशा अपनी जरूरत के हिसाब से टेन्योर सेलेक्ट करना चाहिए। अगर आपको जल्दी पैसे की जरूरत है, तो कम अवधि वाली एफडी बुक कराएं। क्योंकि अगर कभी बीच में पैसों की जरूरत पड़ी तो आपको एफडी तोड़नी पड़ेगी। ऐसा करने पर करीब 1% तक पेनल्टी भरनी पड़ती है।

2- एक ही FD में न करें निवेश :

एफडी बुक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि सारा पैसा एक ही एफडी में न लगाएं। मान लीजिए कि आपको 5 लाख रुपए इन्वेस्ट करना है। तो इसका सबसे अच्छा तरीका है कि 1-1 लाख की 4 एफडी और 50-50 हजार की 2 एफडी कर दें। इसका फायदा ये होगा कि कभी अचानक आपको पैसों की जरूरत पड़ी तो आप कोई एक या दो एफडी तोड़कर अपना काम कर सकते हैं। इससे पेनल्टी भी कम लगेगी और आपकी बाकी एफडी चलती रहेंगी।

3- FD पर लोन की ब्याज दर भी देखना जरूरी :

मान लीजिए आपको कभी पैसों की जरूरत पड़ती है तो आप अपनी एफडी पर 90% तक लोन ले सकते हैं। अगर आपकी एफडी 2 लाख की है तो आप उसका 90% यानी 1.80 लाख लोन ले सकते हैं। इस लोन पर आपको जो ब्याज लगेगा, वो आपकी एफडी पर मिलने वाले ब्याज से 1-2% ज्यादा हो सकता है। इसलिए हमेशा एफडी पर लिए लोन पर मिलने वाली ब्याज दर देखना भी जरूरी है। ये जितनी कम होगी, आपके लिए उतना अच्छा होगा।

4- सीनियर सिटीजन के नाम कराएं FD :

बता दें कि एफडी पर लगभग सभी बैंक रेगुलर ग्राहकों की तुलना में सीनियर सिटीजंस को ज्यादा ब्याज देते हैं। ये ब्याज दर नॉर्मल से 0.5% से 1% तक होती है। ऐसे में अगर आपको एफडी बुक करनी है तो किसी सीनियर सिटीजन के नाम पर करके ज्यादा फायदा ले सकते हैं।

5- एफडी से मिलने वाले ब्याज पर लगता है टैक्स :

बता दें कि एफडी से मिलन वाले ब्याज पर टैक्स भी लगता है। अगर एक वित्त वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40 हजार रुपए से ज्यादा ब्याज मिलता है, तो बैंक टीडीएस काट लेता है। हालांकि, सीनियर सिटिजन्स के लिए ये लिमिट 50 हजार रुपए है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस की कटौती से बचने के लिए बैंक में फॉर्म 15G और फॉर्म 15H जमा करना जरूरी होता है।

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