सार

गौतम अडानी अब फूड और एमएमसीजी उद्योग में कदम रख रहे हैं और 8,388 करोड़ रुपये में तीन कंपनियों का अधिग्रहण करने जा रहे हैं। अडानी विल्मर ग्रुप इस सौदे के जरिए अपने कारोबार का विस्तार करेगा और एशिया की सबसे बड़ी कंपनी बनने का लक्ष्य रखता है।

नई दिल्ली. उद्योगपति गौतम अडानी कई कारणों से सुर्खियों में हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी की उद्यम जगत में उथल-पुथल मची हुई थी, लेकिन अब यह रॉकेट की गति से आगे बढ़ रहा है. इसी बीच अडानी अब फूड और एमएमसीजी उद्योग में कदम रख रहे हैं. हालांकि, वह कोई नया उद्यम शुरू नहीं कर रहे हैं. बल्कि, वह बाजार में पहले से ही दिग्गज बन चुकीं तीन कंपनियों को 8,388 करोड़ रुपये में खरीदने जा रहे हैं.

खाद्य उत्पादों का बाजार बहुत बड़ा है. कई दिग्गज कंपनियां रेडी-टू-ईट भोजन के साथ-साथ कई खाद्य उत्पाद, मसाले और सामग्री प्रदान करती हैं. अब अडानी की कंपनी इस क्षेत्र में हलचल मचाने के लिए तैयार है. अडानी विल्मर ग्रुप 8,388 करोड़ रुपये में तीन कंपनियों का अधिग्रहण करके अपने कारोबार का विस्तार करने की तैयारी कर रहा है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, सौदा लगभग फाइनल हो चुका है और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है.

 

अडानी विल्मर ग्रुप दो व्यावसायिक समूहों का एक संयुक्त उद्यम है. यह अडानी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है. यह समूह तेल, कोहिनूर चावल सहित कई उत्पादों का संचालन करता है. उत्पादों के कारोबार में दिग्गज, यह समूह अब और विस्तार करने जा रहा है.

अडानी विल्मर ग्रुप फिलहाल 3 कंपनियों का अधिग्रहण करने जा रहा है. इसका लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अपने प्रतिस्पर्धियों की कंपनियों का अधिग्रहण करके एशिया की सबसे बड़ी कंपनी बनना है. इस साल अडानी विल्मर ग्रुप 3 कंपनियों का अधिग्रहण करने जा रहा है. इन तीन कंपनियों में एयरपोर्ट उद्योग और कमोडिटी भी शामिल हैं. 

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी की कंपनियों पर काफी दबाव था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद मामला शांत हो गया था, लेकिन हाल ही में हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने फिर से हंगामा खड़ा कर दिया है. विपक्षी दल हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर अडानी साम्राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं.