Best Way to Buy Gold 2025: गोल्ड के रेट दिवाली-धनतेरस से पहले रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए हैं। हर दिन सोना महंगा हो रहा है। बुधवार को करीब 1.22 लाख रुपए तक पहुंच गया है। निवेशक कंफ्यूज हैं कि फिजिकल गोल्ड लें या ETFs? जानिए एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं... 

Gold Buying Tips: करवा चौथ, दिवाली और धनतेरस के करीब आते ही सोने में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। बुधवार, 8 अक्टूबर को गोल्ड रेट्स ऑलटाइम हाई पर पहुंच गए हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, आज 24 कैरेट सोने के दाम 1,21,799 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं, जो मंगलवार को 1,19,941 रुपए था। ऐसे में सवाल उठ रहा कि इस फेस्टिवल सोना खरीदें या नहीं? अगर हां तो फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETFs किस रूप में खरीदें? आइए जानते हैं...

फिजिकल गोल्ड vs ज्वैलरी

फिजिकल गोल्ड यानी बार या सिक्के, ज्वैलरी की तुलना में निवेश के लिहाज से बेहतर माने जाते हैं। इसका कारण यह है कि फिजिकल गोल्ड की फ्योरिटी हाई होती है और इसमें कम एक्स्ट्रा खर्च आता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, फिजिकल गोल्ड आमतौर पर 24 कैरेट का होता है और यह मार्केट प्राइस के करीब ट्रेड करता है, जिससे रीसेल करना आसान और अक्सर फायदेमंद होता है। हालांकि, ज्वैलरी में 8-25% मेकिंग चार्ज और वेस्टेज फीस होती है। जिससे रीसेल पर खरीदार 10-15% तक वैल्यू गंवा देते हैं।

डिजिटल गोल्ड और ETFs

अब निवेशक डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ETFs के जरिए पेपर गोल्ड को पसंद कर रहे हैं। ये दोनों स्टोरेज की समस्या को खत्म करते हैं, लेकिन इनके नियम और पारदर्शिता अलग हैं। डिजिटल गोल्ड माइक्रो-इन्वेस्टमेंट यानी 1 रुपए से भी निवेश की सुविधा देता है और वॉलेट में सीमिट स्टोरेज की सुविधा भी है, जो शुरुआती निवेशकों के लिए अच्छा है। लेकिन इसमें 3% GST लगता है, SEBI से रेगुलेट नहीं है और बाय-सेल स्प्रेड्स वाइड होते हैं। गोल्ड ETFs रेगुलेटेड, लिक्विड और कम खर्च वाले होते हैं। इनकी एक्सपेंस रेशियो 0.2-1% होती है और खरीद पर GST नहीं लगता। तीन साल के बाद, इन पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स 20% (इंडेक्सेशन के साथ) लागू होता है। पिछले साल के मार्केट स्विंग्स में कुछ निवेशकों ने डिजिटल गोल्ड से ETFs में शिफ्ट कर GST नुकसान बचाया और बेहतर रिटर्न कमाए।

इस दिवाली सोना खरीदें या नहीं? क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स के अनुसार, मिडिल क्लास फैमिली को सोने में निवेश कुल पोर्टफोलियो का 5-10% तक ही रखना चाहिए। बेस्ट ऑप्शन में ETFs निवेशकों को रेगुलेटेड, पारदर्शी और लिक्विड एक्सेस देते हैं, साथ ही यह इन्फ्लेशन के खिलाफ भी हेज का काम करते हैं। अगर फेस्टिव शॉपिंग करना चाहते हैं तो परंपरा के लिए थोड़ा ज्वैलरी खरीदें, लेकिन बाकी धन को ETFs में डालें, ताकि रियल रिटर्न मिले।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य जागरूकता और निवेश शिक्षा के उद्देश्य से है। यहां बताए गए गोल्ड प्राइस, इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस और एक्सपर्ट राय समय के साथ बदल सकते हैं। निवेश करने से पहले हमेशा अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।

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