सार

अमेरिकी न्याय विभाग ने गूगल पर बड़ी कार्रवाई की है। गूगल को क्रोम ब्राउज़र बेचने और अपने व्यापार को कम करने का आदेश दिया गया है। गूगल के स्मार्टफोन पर डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन के सौदों पर भी रोक लग सकती है।

दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन प्लेटफॉर्म गूगल के एकाधिकार को कैसे तोड़ा जाए, इसको लेकर अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने पूरी तैयारी कर ली है। गूगल पर एंटीट्रस्ट मामले में चल रहे केस के दौरान DOJ ने गूगल को अपने बिजनेस अलग-अलग करने के लिए कहा है। बुधवार को अमेरिकी न्याय विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक जज के माध्यम से आदेश दिया कि Google अपना व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला क्रोम ब्राउजर बेचे और अपना बिजनेस कम करे।

गूगल के कारोबार में बदलाव चाहता है अमेरिका 

अदालत में दायर एक आवेदन में अमेरिकी न्याय विभाग ने गूगल के कारोबार में बदलाव का आग्रह किया है, जिसमें स्मार्टफोन पर गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाने के सौदों पर प्रतिबंध लगाना और एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का दुरुपयोग करने से रोकना शामिल है। बता दें कि एंटीट्रस्ट मामले में कोर्ट पहले भी ये कह चुका है कि इंटरनेट सर्च मार्केट में गूगल की मोनोपली (एकाधिकार) है। इसके साथ ही क्रोम दुनिया में सबसे ज्यादा यूज होने वाला वेब ब्राउजर है। कोर्ट का ये भी कहना था कि गूगल अपने प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए इसका उपयोग करता है, जिससे चलते दूसरी कंपनियों के बिजनेस को काफी नुकसान पहुंच रहा है। 

क्रोम से Google को फायदा, लेकिन बाकियों को बड़ा नुकसान

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी न्याय विभाग ने कोर्ट को बताया है कि ऑनलाइन सर्चिंग में गूगल का एकतरफा राज है, जिसके चलते दूसरी कंपनियों को काफी घाटा हो रहा है। गूगल अपने प्रोडक्ट्स को Chrome ब्राउजर की मदद से यूजर्स तक प्रमोट करता है, जिसके चलते दूसरी कंपनियों के लिए उनके बिजनेस को आगे बढ़ाने के लगभग तमाम रास्ते बंद हो जाते हैं।

हमारे खिलाफ जानबूझकर रची जा रही साजिश- Google

वहीं, इस मामले में गूगल ने अमेरिकी न्याय विभाग की उस दलील का खंडन किया है, जिसमें उसने कहा है कि क्रोम ब्राउजर की वजह से दूसरी कंपनियों का बिजनेस खत्म हो रहा है। गूगल की रेगुलेटरी अफेयर्स की वाइस प्रेसिडेंट ली ऐन मुलहॉलैंड का कहना है DOJ जानबूझकर एक अलग ही एजेंडा चला रहा है, जिससे हमारे बिजनेस पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ रहा है।

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