सार

IRDAI ने अपनी पॉलिसी में बताया है कि अगर इलाज के दौरान ही पॉलिसी होल्डर की मौत हो जा रही है तो हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम सेटलमेंट के लिए तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। बीमा कंपनी को हॉस्पिटल से तुरंत शव रिलीज करवाना होगा।

बिजनेस डेस्क : हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब सिर्फ तीन घंटे के अंदर ही इंश्योरेंस क्लेम (Health Insurance Claim) क्लीयर हो जाएंगे। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने 29 मई को मास्टर सर्कुलर जारी कर पॉलिसी होल्डर्स के सभी अधिकारों को एक जगह ला दिया है। इसमें 55 सर्कुलर को निरस्त कर दिया गया है। नए नियम से हेल्थ इंश्योरेंस लेने वाले लोगों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। जानिए क्या है नया नियम...

3 घंटे में क्लीयर करने होंगे बीमा क्लेम

IRDAI की तरफ से बताया गया कि बीमा कंपनी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के 3 घंटे यानी 180 मिनट के अंदर फाइनल अथॉराइजेशन देना पड़ेगा। किसी भी कंडीशन में पॉलिसी होल्डर को डिस्चार्ज के लिए कंपनी इंतजार नहीं करवा सकती है। अगर 3 घंटे से ज्यादा देरी होती है और हॉस्पिटल एक्स्ट्रा चार्ज लेता है तो उसका बोझ पॉलिस होल्डर नहीं बीमा कंपनी उठाएगी।

अगर मरीज की मौत हो जाए तो

IRDAI ने अपनी पॉलिसी में बताया है कि अगर इलाज के दौरान ही पॉलिसी होल्डर की मौत हो जा रही है तो हेल्थ इंश्योरेंस का क्लेम सेटलमेंट के लिए तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। बीमा कंपनी को हॉस्पिटल से तुरंत डेड बॉडी (शव) रिलीज करवाना होगा।

हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के नए नियम की 5 खास बातें

  1. कोई भी क्लेम तब तक रिजेक्ट नहीं होगा, जब तक 3 मेंबर्स की कमेटी इसकी मंजूरी नहीं देती है।
  2. क्लेम रिजेक्ट करने पर डिटेल्स में कारण बताना होगा।
  3. पॉलिसी होल्डर्स को ऑप्शन मिलेगा कि वह क्लेम सेटेलमेंट के लिए इस पॉलिसी का यूज करना चाहते हैं।
  4. पॉलिसी पीरियड में क्लेम न करने पर बीमा कंपनियों को पॉलिसी होल्डर्स को नो क्लेम बोनस देना होगा।
  5. पॉलिसी होल्डर्स को उम्र, क्षेत्र, जॉब, बिजनेस, मेडिकल कंडीशन, इलाज और हर तरह के हॉस्पिटल्स के आधार पर इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स मिलेंगे।

इसे भी पढ़ें

फीमेल पैसेंजर के लिए IndiGo की स्पेशल Facility, आराम से कटेगा पूरा सफर

 

फ्री आधार अपडेट ही नहीं जून में खत्म हो रही इन 5 चीजों की डेडलाइन, देखें लिस्ट