Home Loan लेने जा रहे हैं? ये IMP टिप्स बचा सकते हैं आपके लाखों रु.
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बढ़ती महंगाई और जरूरतों के कारण आज कर्ज लेना आम बात हो गई है। खासकर घर बनाने के लिए कर्ज लेना हर किसी का सपना होता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज लेते समय कुछ सावधानियां बरतने से काफी पैसा बचाया जा सकता है।
फ्लोटिंग ब्याज दर चुनने के कई फायदे हैं, खासकर होम लोन लेते समय। होम लोन लेने वालों को स्थिर ब्याज दर की तुलना में कम ब्याज दर चुकानी होगी। यह दर बेंचमार्क दर से जुड़ी होती है और इसके साथ घटती-बढ़ती रहती है। आधार दर वह बेंचमार्क दर होती है जो बैंक निर्धारित करते हैं।
बैंक इस दर से कम पर कर्ज नहीं देते हैं। लेकिन जब आधार दर में बदलाव होता है तो फ्लोटिंग दर भी बदल जाती है। कभी-कभी स्थिर ब्याज दर की तुलना में फ्लोटिंग दर थोड़ी अधिक हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर होम लोन ग्राहकों को लगता है कि भविष्य में होम लोन की ब्याज दरें घटेंगी तो उन्हें फ्लोटिंग ब्याज दर चुननी चाहिए।
लेकिन स्थिर ब्याज दरों की तुलना में फ्लोटिंग ब्याज दरें एक से दो प्रतिशत तक कम होती हैं। फ्लोटिंग ब्याज दर के साथ कर्ज लेने पर ईएमआई बार-बार बदलती रहती है। इसलिए कर्ज लेने से पहले यह तौलना जरूरी है कि फ्लोटिंग ब्याज दर और स्थिर ब्याज दर में से आपके लिए कौन सा बेहतर है? विशेषज्ञों से सलाह लेकर कर्ज लेना बेहतर होता है।
अगर बैंक होम लोन की ब्याज दरें कम करते हैं तो फ्लोटिंग ब्याज दरें भी कम हो जाती हैं। ज्यादातर बैंक फ्लोटिंग रेट होम लोन पर प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लेते हैं। इसलिए जो लोग जल्दी होम लोन चुकाना चाहते हैं, उनके लिए फ्लोटिंग ब्याज दर के साथ कर्ज लेना बेहतर होता है।