ITR Filing Process in Hindi : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना सिर्फ टैक्स भरने का काम नहीं बल्कि आपकी फाइनेंशियल हेल्थ और भविष्य की जरूरतों के लिए जरूरी होता है। अगर आपके पास फॉर्म 16 नहीं है, तब भी कुछ डॉक्यूमेंट्स से ITR आसानी से फाइल कर सकते हैं।
ITR File Kaise Karen Without Form 16 : सरकार ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की डेडलाइन 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है। यानी आपके पास अभी भी अपना आईटीआर फाइल करने के लिए अच्छा-खासा समय है। कई लोग सोचते हैं कि फॉर्म 16 के बिना आईटीआर दाखिल करना मुश्किल है, जबकि ऐसा नहीं है। अगर आप जॉब कर रहे हैं, फ्रीलांसर हैं या खुद का काम करते हैं तो बिना इस फॉर्म के भी आसानी से आईटीआर फाइल कर सकते हैं। इस आर्टिकल में जानिए ITR फाइल करना क्यों जरूरी है, फॉर्म 16 के बिना कौन-कौन से डॉक्यूमेंट लगते हैं और बिना फॉर्म के आईटीआर दाखिल करने का स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस?
ITR क्या है और इसे फाइल करना क्यों जरूरी है?
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) एक सरकारी डॉक्यूमेंट है, जिसमें आप अपनी सालाना कमाई, टैक्स भुगतान और टैक्स रिफंड की जानकारी सरकार को देते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है, चाहे आपकी इनकम टैक्सेबल हो या नहीं, हर किसी को ITR फाइल करनी चाहिए, क्योंकि ये फाइनेंशियल जिम्मेदारी है।
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ITR फाइल करने के क्या-क्या फायदे हैं?
- बैंक लोन, वीजा या क्रेडिट कार्ड के लिए जरूरी।
- फ्यूचर में टैक्स नोटिस से बचते हैं।
- टैक्स रिफंड का क्लेम करने में मददगार।
- सरकार की नजर में भरोसेमंद टैक्सपेयर बनते हैं।
- हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन जैसे प्रॉपर्टी खरीदने में हेल्प मिलती है।
Form 16 क्या होता है और ITR भरने में क्यों जरूरी?
फॉर्म 16 एक तरह का सर्टिफिकेट होता है, जो एम्प्लॉयर यानी कंपनी अपने एम्प्लॉई को देती है। इस फॉर्म में उनकी सैलरी और टैक्स कटौती (TDS) की डिटेल्स होती है। लेकिन अगर आपके पास फॉर्म-16 नहीं है, जैसे- आपने जॉब बदली है, फ्रीलांसर या सेल्फ-एम्प्लॉइड हैं, एम्प्लॉयर ने फॉर्म 16 जारी नहीं किया तो भी आप ITR फाइल कर सकते हैं।
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बिना फॉर्म 16 के ITR कैसे फाइल करें? स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस
- सबसे पहले अपने सभी इनकम सोर्स की जानकारी जुटाएं जैसे- सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, FD या इंवेस्टमेंट से ब्याज, फ्रीलांस या बिजनेस इनकम
- फॉर्म 26AS और AIS डाउनलोड करें। ये दोनों दस्तावेज इनकम टैक्स पोर्टल पर मिलते हैं। इनमें आपकी TDS, टैक्स पेमेंट और हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन की जानकारी होती है।
- अपनी टोटल इनकम का हिसाब लगाएं। इसमें सैलरी, फ्रीलांस से कमाई, किराया और FD पर मिलने वाला ब्याज शामिल करें। इसके बाद, 80C, 80D और HRA जैसे टैक्स छूट वाले डिडक्शन घटाकर टैक्सेबल इनकम निकाल लें।
- अब अपनी इनकम के अनुसार फॉर्म चुनना है। अगर कमाई सिर्फ सैलरी या एक घर से किराए की है, तो आईटीआर-1 भरें। लेकिन अगर आप फ्रीलांसिंग करते हैं या छोटा बिजनेस चलाते हैं, तो ITR-4 चुनें।
- अब इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और रजिस्टर या लॉग-इन करें।
- सही ITR फॉर्म भरें, सभी इनकम सोर्स और डिडक्शन जोड़ें, टैक्स कैलकुलेट कर सबमिट करें।
