सार
आम लोग मुसीबत के समय में आर्थिक सहायता के लिए कई तरह के इंश्योरेंस और पॉलिसी खरीदते हैं। इसमें सबसे ज्यादा लोग LIC पर भरोसा करते हैं। LIC होल्डर की मौत हो जाए तो पॉलिसी की रकम को क्लेम करने के लिए क्या करना चाहिए, चलिए जानते है।
बिजनेस डेस्क. देश भर में लाखों लोग LIC होल्डर्स है। आम लोग एलआईसी में निवेश इसलिए करते है ताकि, जरूरत के समय यह काम आ सके। जब LIC होल्डर की मौत हो जाए तब क्या करें। ऐसे में रकम के लिए क्लेम कैसे किया जाता है। अगर नहीं, तो जानते इससे जुड़े सवालों के जवाब।
LIC क्लेम की प्रोसेस क्या है?
LIC से जुड़े क्लेम की रकम के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।
- धारक ने जहां से पॉलिसी करवाई थी, उस LIC की होम ब्रांच पर जाएं।
- यहां पर पॉलिसी होल्डर की मौत की जानकारी दें।
- ब्रांच के अधिकारी नॉमिनी के बैंक अकाउंट में फंड ट्रांसफर के लिए फार्म 3783, 3802 और NEFT फॉर्म देगा।
- NEFT फॉर्म के साथ, नॉमिनी को के रद्द चेक और पासबुक की फोटोकॉपी जमा करना होगा।
- इन फार्म के साथ जरुरी डॉक्यूमेंट्स जैसे- डेथ सर्टिफिकेट, पॉलिसी बॉन्ड, नॉमिनी का पैन कार्ड, आधार, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट की कॉपी जमा करें।
- ध्यान रहे कि सारे दस्तावेज नॉमिनी को सेल्फ अटेस्ट हो।
- नॉमिनी एक घोषणा पत्र भी देना होगा। इसमें पॉलिसी होल्डर की मौत तारीख, जगह और कारण की जानकारी देनी होगी।
ये बातें बिल्कुल न भूलें
- डॉक्यूमेंट्स को सबमिट करते समय ओरिजिनल दस्तावेजों को साथ रखना चाहिए।
- वेरिफिकेशन के लिए अपना पैन कार्ड, मृतक का आईडी प्रूफ और ओरिजिनल पासबुक रखना चाहिए।
- क्लेम की रकम को नॉमिनी खाते में डालने से पहले LIC के और दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।
- सारी प्रक्रिया हो जाने के बाद रसीद लेना न भूलें।
ये प्रक्रिया पूरी होने के एक महीने के भीतर ही क्लेम की रकम नॉमिनी के खाते में जमा हो सकती है। अगर आपके खाते में राशि नहीं आती है तो, ऐसी स्थिति में रसीद लेकर LIC के होम ब्रांच जाएं और स्टेटस के बारे में जानकारी लें।