सार

एसी फर्स्ट बैंक और आईडीएफसी लिमिटेड मर्जर होने वाला है। IDFC फर्स्ट बैंक ने शेयरहोल्डर्स के इस फैसले की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है। इस विलय के प्रस्ताव को 99.95% इक्विटी शेयरहोल्डर्स ने मंजूरी दी है।

बिजनेस डेस्क. प्राइवेट सेक्टर के बैंक आईडीएफएसी फर्स्ट बैंक और आईडीएफसी लिमिटेड मर्जर होने वाला है। इसके लिए शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के चेन्नई बेंच ने इसके लिए 17 मई को एक बैठक की थी।

IDFC के मर्जर लिए 99.95% शेयरहोल्डर्स की मंजूरी

IDFC फर्स्ट बैंक ने शेयरहोल्डर्स के इस फैसले की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है। इस विलय के प्रस्ताव को 99.95% इक्विटी शेयरहोल्डर्स ने मंजूरी दी है। यह फैसला नेशनल लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मीटिंग में ई वोटिंग और रिमोट वोटिंग के जरिए ये फैसला लिया गया। NCLT भी जल्दी ही इस फैसला का ऐलान कर सकता है।

पहले ही मिल चुकी मर्जर की मंजूरी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बीते साल दिसंबर में IDFC लिमिटेड और IDFC फर्स्ट बैंक के मर्जर के लिए मंजूरी दे दी थी। इससे पहले आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने विलय के लिए जुलाई 2023 में ही मंजूरी दी थी। इसके लिए शेयरहोल्डर्स को 100 शेयर के बदले 155 शेयर मिलेंगे। अब मर्जर के बाद शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपए होगी।

कंपनी के शेयरों में आया उछाल

मर्जर की खबर आने के बाद 18 मई को IDFC फर्स्ट बैंक और IDFC लिमिटेड के शेयरों में उछाल देखने को मिला है। आज IDFC के शेयर 114.35 रुपए पर बंद हुए। वहीं, IDFC फर्स्ट बैंक77.44 रुपए पर बंद हुआ।

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