सार

पाकिस्तान आर्थिक संकटसे बचने के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की शरण में है। IMF ने पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज दे रहा है। लेकिन इसके बदले कुछ शर्तें रखी हैं। इन शर्तों में पाकिस्तान को पेंशन पर टैक्स लगाना होगा। इसके अलावा GST भी बढ़ाना होगा।

बिजनेस डेस्क. पाकिस्तान बीते कुछ सालों से भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सरकारी कंपनियां बिकने की कगार पर हैं। वहीं, महंगाई से जनता परेशान है। ऐसे में पाकिस्तानी सरकार ने आर्थिक संकट बचने के लिए सारी कोशिशें कर रही हैं। पाकिस्तान इससे बचने के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की शरण में है। IMF ने पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज दे रहा है। लेकिन इसके बदले कुछ शर्तें रखी हैं। इन शर्तों में पाकिस्तान को पेंशन पर टैक्स लगाना होगा। इसके अलावा GST भी बढ़ाना होगा।

1 लाख की पेंशन पर लगेगा टैक्स

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, IMF पाकिस्तान के खिलाफ सख्त है। IMF ने पाकिस्तान पर दबाव बनाते हुए कहा कि उन्हें 1 लाख रुपए से ज्यादा की पेंशन पाने वालों पर टैक्स लगाना होगा। साथ ही दूसरे टैक्स में भी बढ़ोतरी करनी होगी। अगर पाकिस्तान को IMF से बेलआउट पैकेज लेना है तो उन्हें ये नियम लागू करने होंगे। इस पैकेज को लेकर पाकिस्तान और IMF के बीत आखिरी दौर की बातचीत चल रही है। 21 मई को IMF और पाकिस्तान की मीटिंग होगी।

पाकिस्तान मान सकता है IMF की शर्तें

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार IMF की शर्तों को मान सकती है। इस तरह के शर्तों से पाकिस्तान की जनता में असंतोष उपज सकता हैं। ऐसे में सरकार को जनता का विरोध झेलना पड़ सकता है। साथ ही सरकार को पाकिस्तानी संसद का भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। पाकिस्तान बेलआउट पैकेज के लिए आर्थिक सुधारों को लागू कर सकती है।

सरकारी बीमा कंपनी भी हो सकती है प्राइवेट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, IMF के बेलआउट पैकेज के लिए पाकिस्तान को कई ठोस कदम उठाने पड़ सकते है। इसमें राजकोषीय खर्च और घाटे पर भी अंकुश लगाना पड़ेगा। इसके लिए सरकारी अधिकारियों ने GST 18% करने की मांग की गई थी। इंश्योरेंस सेक्टर में सुधार और 3 सरकारी बीमा कंपनियों को प्राइवेटाइज करने की मांग की हैं। 

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