GST reforms: PM Narendra Modi ने Independence Day Speech में GST Reform 2025 का ऐलान किया। Diwali से पहले लागू होंगी 3-Pillar Next-Generation GST Reforms, जिससे Common-Use Items सस्ते होंगे, MSMEs और आम जनता को मिलेगा बड़ा लाभ।
GST Reform 2025: देश में इस साल गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी जीएसटी (GST) व्यवस्था में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से यह वादा किया कि दीपावली से पहले नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स लागू किए जाएंगे। इससे कॉमन-यूज आइटम्स पर टैक्स में भारी कमी आएगी। केंद्र सरकार ने इन सुधारों के लिए थ्री-पिलर ब्लूप्रिंट तैयार कर Group of Ministers (GoM) को भेजा है जिसे GST Council अपनी अगली बैठक में चर्चा के लिए लेगी।
‘डबल दिवाली’ का वादा
पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस पर भाषण में जीएसटी रिफॉर्म्स को दिवाली गिफ्ट बताते हुए कहा कि इससे देशभर में टैक्स का बोझ कम होगा। उन्होंने याद दिलाया कि GST 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था और अब आठ साल बाद इसकी समीक्षा का समय आ गया है। इसके लिए High-Powered Committee बनाई गई और राज्यों से परामर्श के बाद नया रिफॉर्म पैकेज तैयार किया गया।
3-पिलर GST Reform का खाका
- स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स – Inverted Duty Structure Correction, Classification Issues का समाधान और Tax Stability। इन्वर्टेड ड्यूटी करेक्शन का मतलब कच्चे माल पर लगने वाले टैक्स व तैयार हुए सामान पर लगने वाले टैक्स के बीच संतुलन स्थापित करना।
- रेट रेशनलाइजेशन – आम आदमी के उपयोगी और कॉमन-यूज के सामानों पर Tax रेट्स कम करना, टैक्स स्लैब घटाना और रेट में स्थिरता लाना। इससे माना जा रहा है कि आम आदमी की रोजमर्रा की आवश्यक सामानों की कीमतों पर लगाम लग सकेगा और कीमतें कम हो सकती हैं।
- जीवन को आसान बनाना – स्टार्टअप के लिए आसान रजिस्ट्रेशन, पूर्व में भरे रिटर्न्स और तेज गति से रिटर्न प्रॉसेस।
आम जनता को क्या फायदा होगा?
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स से इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स में संतुलन बनेगा जिससे घरेलू सामान सस्ते हो सकते। Classification Issues सुलझने से विवाद घटेंगे और प्रक्रिया आसान होगी। Rate Rationalisation से रोज़मर्रा के सामान आदि सस्ते होंगे, खपत में बढ़ोतरी होगी और अर्थव्यवस्था को Boost मिलेगा। सरकार दो मुख्य स्लैब्स – Standard और Merit – की दिशा में काम कर रही है जबकि Special Rates कुछ चुनिंदा आइटम्स तक सीमित रहेंगे।
Ease of Doing Business पर फोकस
रिफॉर्म्स छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस को आसान बनाएंगे। प्री-फिल्ड रिटर्न्स से मैन्युअल एरर और मिसमैच खत्म होंगे। एक्सपोर्टर्स और Inverted Duty Structure वाले उद्योगों को ऑटोमैटिकली फास्ट रिफंड मिलेगा।
