सार
India growth rate in G20: भारत ने जी20 देशों में जीडीपी ग्रोथ रेट को टॉप किया है। भारत का 2024 में अनुमानित ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत सबसे हाई दर्ज किया गया है। देश की यह उपलब्धि मजबूत अर्थव्यवस्था और वैश्विक चुनौतियों के बीच एक शक्तिशाली विकास को प्रदर्शित करता है।
क्या है जी20 देशों का प्रोजेक्टेड जीडीपी ग्रोथ रेट?
- भारत- 7 प्रतिशत
- इंडोनेशिया-5 प्रतिशत
- चीन- 4.8 प्रतिशत
- रूस-3.6 प्रतिशत
- ब्राजील-3 प्रतिशत
- अफ्रीका-3 प्रतिशत
- तुर्किए-3 प्रतिशत
- यूएसए-2.8 प्रतिशत
- कोरिया-2.5 प्रतिशत
- मेक्सिको-1.5 प्रतिशत
- सऊदी अरब-1.5 प्रतिशत
- कनाडा-1.3 प्रतिशत
- आस्ट्रेलिया-1.2 प्रतिशत
- फ्रांस-1.1 प्रतिशत
- यूरोपियन यूनियन-1.1 प्रतिशत
- यूके-1.1 प्रतिशत
- साउथ अफ्रीका-1.1 प्रतिशत
- इटली-0.7 प्रतिशत
- जापान-0.3 प्रतिशत
- जर्मनी-00
- अर्जेंटिना- माइनस3.5 प्रतिशत
लेकिन बढ़ी महंगाई…
रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में पिछले चार महीने में महंगाई काफी बढ़ गई है। अगर चार महीने में खाने-पीने की चीजों के महंगा होने की बात करें तो रोजाना की जरूरत वाले सामान की महंगाई दर 6.59% से 8.09% हो गई है। खाने-पीने के सामान की महंगाई 9.47% से बढ़कर 11.59% तक हो गई है। वहीं, फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल जैसी चीजों की थोक महंगाई दर -4.05% से कम होकर -5.79 पर आ गई है। मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की WPI 1% से बढ़कर 1.50% हो गई है। थोक महंगाई में प्राइमरी प्रोडक्ट्स (22.62%), फ्यूल एंड पावर (13.15%) और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स (64.23%) को इस वेटेज के हिसाब से शामिल किया गया है। प्राइमरी प्रोडक्ट्स में फूड्स (अनाज, सब्जियां), नॉन फूड्स (ऑयल सीड्स), मिनरल्स और क्रूड पेट्रोलियम शामिल हैं।
महंगाई की वजह से समय के साथ रुपये के मूल्य में गिरावट आने लगती है। मसलन, अगर आज किसी गाड़ी की कीमत 10 लाख रुपए है तो 20 साल बाद सोचिए कि उसकी कीमत कितनी ज्यादा हो जाएगी। जैसे 20 साल पहले वस्तुओं की कीमत आज से काफी कम हुआ करती थी। ये अंतर ही रुपये की कीमत को कम कर देता है। महंगाई का सीधा संबंध आपके खरीदने की ताकत से है। उदाहरण के लिए अगर महंगाई दर 5 प्रतिशत पर है तो आपके द्वारा कमाए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 95 रुपए ही होगा।
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