सार

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले 3 हफ्तों से लगातार तेजी देखी जा रही है। 19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में ये 4 अरब डॉलर उछलकर 670.85 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। ये फॉरेक्स रिजर्व का अभी तक का ऑलटाइम हाई भी है। 

Foreign Exchange Reserve Latest Data: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि ये अपने ऑलटाइम हाई पर जा पहुंचा है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 19 जुलाई, 2024 को खत्म हुए हफ्ते में देश का फॉरेक्स रिजर्व 670.85 अरब डॉलर के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। इससे पहले वाले हफ्ते में ये 666.85 अरब डॉलर पर था।

3 हफ्ते में 19 अरब डॉलर बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार

रिजर्व बैंक द्वारा 26 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 हफ्ते में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 19 अरब डॉलर की बढ़ोतरी आई है। इतना ही नहीं, ये लगातार नौवां हफ्ता है जब फॉरेक्स रिजर्व 650 बिलियन डॉलर के ऊपर बना हुआ है।

विदेशी करेंसी एसेट्स में भी उछाल

19 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 670.85 अरब डॉलर पर जा पहुंचा है। इस दौरान विदेशी करेंसी एसेट्स (Foreign Currency Assets) में भी इजाफा हुआ है और ये 2.57 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 588.04 अरब डॉलर पहुंच गया है।

RBI के गोल्ड रिजर्व में 1.32 अरब डॉलर की बढ़त

फॉरेक्स रिजर्व बढ़ने के साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गोल्ड रिजर्व में भी बढ़ोतरी देखी गई है। 1.32 अरब डॉलर की बढ़त के साथ करीब 60 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसके अलावा एसडीआर 795 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.20 अरब डॉलर रहा है। हालांकि, इस अवधि में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास जमा रिजर्व में कोई बदलाव नहीं आया है और ये पहले की तरह ही 4.61 अरब डॉलर पर बना हुआ है।

2024 में 51 अरब डॉलर बढ़ा Forex Reserve

2024 के 7 महीनों की बात करें तो भारत के फॉरेक्स रिजर्व में इस अवधि के दौरान करीब 51 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के लिए एक तरह से आपातकालीन फंड होता है, जो वहां के केंद्रीय बैंक के पास रिजर्व रहता है। इसमें कैश के अलावा बॉन्ड, गोल्ड या दूसरी तरह की एसेट्स भी शामिल होती हैं। इतना ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा रकम भी विदेशी मुद्रा भंडार का ही हिस्सा होती है। किसी भी देश की आर्थिक स्थिति खराब होने पर वो विदेशी मुद्रा भंडार के जरिए अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकता है।

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