सार

आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक निकाय, ऐसा कोई भी दावा नहीं करता है। न ही कार्यकारी निदेशक ऐसा अनुमान लगाने में सक्षम या अधिकृत हैं।

 

IMF on India growth: आईएमएफ की कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की भारत के आर्थिक ग्रोथ के आंकड़ों को लेकर किए गए दावे को पर विवाद खड़ा हो गया है। आईएमएफ ने साफ कहा कि भारत के विकास के आंकड़ों के बारे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन के विचार, आईएमएफ का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। यह उनका निजी विचार हो सकता है। दरअसल, आईएमएफ के भारत प्रतिनिधि कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने दावा किया था कि भारत का आर्थिक विकास दर 8 प्रतिशत है। जोकि आईएमएफ के विकास दर के आंकड़ों से काफी अधिक है।

आईएफएफ ने दी सफाई...

आईएमएफ ने कहा कि कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन की हालिया टिप्पणी आईएमएफ के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वैश्विक निकाय में भारत के प्रतिनिधि के रूप में उनकी भूमिका थी। आईएमएफ की प्रवक्ता जूली कोजैक ने वाशिंगटन में सुब्रमण्यम की हालिया टिप्पणियों पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें उन्होंने भारत के लिए 8 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया था, जो आईएमएफ द्वारा पिछले विकास दर अनुमानों से अलग है।

क्या है आईएमएफ का मानना?

आईएमएफ अगले कुछ हफ्तों में अपने विश्व आर्थिक आउटलुक को अपडेट करेगा। कोज़ैक ने कहा कि जनवरी तक हमारा विकास अनुमान 6.5 प्रतिशत की मध्यम अवधि की वृद्धि के लिए था और यह अक्टूबर की तुलना में थोड़ा ऊपर की ओर संशोधन था। फिर से, हम कुछ ही हफ्तों में नवीनतम पूर्वानुमान पेश करेंगे।

क्या कहा था सुब्रमण्यन ने?

आईएफएफ के कार्यकारी निदेशक सुब्रमण्यन ने 28 मार्च को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक 8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, अगर देश पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर देता है और सुधारों में तेजी लाता है। उन्होंने कहा कि भारत का विकास दर 8 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकता है और यह 2047 तक जारी रह सकता है। लेकिन अब आईएफएफ ने अपने कार्यकारी निदेशक के बयान को संस्थान का आधिकारिक बयान नहीं होने की सफाई दी है। आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक निकाय, ऐसा कोई भी दावा नहीं करता है। न ही कार्यकारी निदेशक ऐसा अनुमान लगाने में सक्षम या अधिकृत हैं।

आईएमएफ के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि हमारे पास एक कार्यकारी बोर्ड है। वह कार्यकारी बोर्ड कार्यकारी निदेशकों से बना है जो देशों या देशों के समूहों के प्रतिनिधि हैं और वे आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड बनाते हैं। उन्होंने कहा कि आईएमएफ स्टाफ के काम से यह बोर्ड बिल्कुल ही अलग है।

यह भी पढ़ें:

चीन के लद्दाख पर कब्जा को उजागर करने के लिए सोनम वांगचुक के पशमीना मार्च पर प्रशासन का शिकंजा, निषेधाज्ञा लागू