सार
टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिफंड मिलता है। आमतौर पर यह रिफंड लगभग चार से पांच हफ्तों में टैक्सपेयर्स के खाते में जमा हो जाता है। लेकिन कई बार ये रिफंड फेल हो जाता है। इस स्थित में टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए, इसके बारे में हम आपको बता रहे है।
बिजनेस डेस्क. इनकम टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसकी आखिरी तारीख 31 जुलाई है। इसके बाद टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिफंड मिलता है। यह टैक्स टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स के जरिए टैक्सपेयर्स को रिफंड मिलता है। आमतौर पर यह रिफंड लगभग चार से पांच हफ्तों में टैक्सपेयर्स के खाते में जमा हो जाता है। लेकिन कई बार ये रिफंड फेल हो जाता है। इस स्थित में टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए, इसके बारे में हम आपको बता रहे है।
सबसे पहले जानें क्यों अटकता है रिफंड
रिफंड फेल होने का सबसे आम कारण बैंक खाते के साथ कोई दिक्कत का होना है। अगर आपका अकाउंट नंबर, IFSC कोड गलत होने से रिफंड फेल हो सकता है। अगर आपने अपना अकाउंट वैलिडेट नहीं करवाया है, तो इस स्थिति में भी रिफंड अटक सकता है। अक्सर पैन कार्ड और बैंक खाते का नाम मैच नहीं होता तो तब भी ऐसा हो सकता है। या फिर आपका बैंक अकाउंट पैन और आधार से लिंक नहीं है, तो आपका रिफंड रूक सकता है।
रिफंड रिक्वेस्ट कर पा सकते है रिफंड
कई बार सही प्रोसेस ITR फाइल किया जाता है, लेकिन तब आपके खाते में रिफंड नहीं आता है। तब इस स्थिति में आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर रिफंड स्टेटस चेक करना चाहिए। अगर आपका रिफंड रिइश्यू रिक्वेस्ट डाल सकते है। जानिए इसकी प्रोसेस
- सबसे पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें।
- इसके बाद सर्विस रिक्वेस्ट पर क्लिक करें।
- फिर यहाँ आपको उस रिकॉर्ड को सिलेक्ट करें, जिसके लिए आप रिइश्यू की रिक्वेस्ट करना चाहते हैं।
- फिर बैंक अकाउंट सिलेक्ट करें, जिसमें रिफंड चाहते हैं। ध्यान दें कि अकाउंट वैलिडेट होना चाहिए। अगर नहीं है तो ई-फाइलिंग पोर्टल से वैलिडेट करें।
- इसके बाद आपको आधार ओटीपी, ईवीसी या डीएससी में से एक ई-वेरिफिकेशन के तरीको को चुनना होगा।
- इसके बाद आपको Continue पर क्लिक करें।
इसके बाद रिफंड रिइश्यू रिक्वेस्ट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास चली जाएगी।
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