इनकम टैक्स रिफंड में देरी गलत दावों की जांच के कारण हो रही है। रिफंड दिसंबर तक आने की उम्मीद है। देरी की स्थिति में, सरकार 0.5% मासिक (6% सालाना) की दर से ब्याज देने के लिए बाध्य है।
अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है और महीनों बाद भी रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है! 16 सितंबर की डेडलाइन बीत जाने के बाद भी कई लोगों को रिफंड नहीं मिला है। लेकिन, बहुत से लोग यह नहीं जानते कि अगर रिफंड में देरी होती है, तो सरकार आपको ब्याज देने के लिए बाध्य है।
रिफंड में देरी का यह है कारण
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने साफ किया है कि कुछ रिटर्न्स में गलत दावों की जांच की जा रही है, जिस वजह से रिफंड देने में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन टैक्सपेयर्स ने जानकारी भरने में गलती की थी, उनसे रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए संपर्क किया गया है। अग्रवाल ने कहा कि बाकी रिफंड इस महीने के आखिर तक या दिसंबर तक जारी होने की उम्मीद है।
कितना ब्याज मिलेगा?
- अगर रिफंड मिलने में टैक्सपेयर की कोई गलती नहीं है, तो वह रिफंड राशि के अलावा उस पर ब्याज पाने का भी हकदार है।
- देरी से मिलने वाले रिफंड पर टैक्स डिपार्टमेंट हर महीने 0.5% (यानी सालाना 6%) की दर से साधारण ब्याज देता है। यह सेक्शन 244A के तहत होता है।
- जिन लोगों ने समय सीमा (16 सितंबर) के अंदर रिटर्न फाइल किया है, उनके लिए ब्याज की गणना 1 अप्रैल से रिफंड मिलने की तारीख तक की जाएगी।
- जो लोग समय सीमा के बाद रिटर्न फाइल करते हैं, उनके लिए ब्याज की गणना रिटर्न फाइल करने की तारीख से रिफंड मिलने की तारीख तक होगी।
