जियो ब्लैकरॉक को ब्रोकिंग लाइसेंस मिलने से ब्रोकरेज जगत में हलचल। ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स जैसे दिग्गजों को मिलेगी कड़ी टक्कर? क्या होगा मार्केट पर इसका असर?

बेंगलुरु: देश डिजिटल रूप से तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और रिटेल निवेशक शेयर बाजार में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। खासकर कोविड-19 के बाद भारत का ब्रोकरेज उद्योग काफी बढ़ा है। महामारी ने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को बढ़ावा दिया। निवेशक आसानी से बाजार में निवेश के तरीके खोज रहे थे। इसी दौरान डिस्काउंट ब्रोकर्स की कम लागत वाली ट्रेडिंग लोकप्रिय हुई। ज़ेरोधा, एंजेल वन, अपस्टॉक्स और 5 पैसा जैसे बड़े डिस्काउंट ब्रोकर्स पहले से ही मौजूद हैं, और अब मुकेश अंबानी भी इस क्षेत्र में उतर रहे हैं।

जियो ब्लैकरॉक को हाल ही में ब्रोकिंग बिज़नेस शुरू करने के लिए सेबी की मंज़ूरी मिली है। इसे सीधे तौर पर भारत के सबसे बड़े डिस्काउंट ब्रोकर, नितिन और निखिल कामत के ज़ेरोधा को चुनौती माना जा रहा है।

इस बारे में शेयर बाजार के जानकार अमरनाथ शिवशंकर (@Amara_Bengaluru) ने लिखा, 'जियो फाइनेंशियल्स को बधाई। कुछ लोग मानते हैं कि ये ज़ेरोधा और अपस्टॉक्स का मार्केट खराब कर सकता है। मैं दूसरों की तरफ से नहीं बोल सकता, लेकिन मैं ज़ेरोधा के साथ बना रहूँगा। मुझे ज़ेरोधा का प्लेटफॉर्म पसंद है और मैं ज़ेरोधा टीम के लोगों के साथ जुड़ा रहना चाहता हूँ।'

अब सवाल ये है कि जियो ब्लैकरॉक के ब्रोकिंग में आने से क्या बदलाव होंगे? मार्केट में उन्हें क्या फायदा होगा? आइए जानते हैं।

सेबी ने जियो ब्लैकरॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड को स्टॉक ब्रोकर और क्लियरिंग मेंबर के तौर पर काम करने की इजाज़त दे दी है। डिस्काउंट ब्रोकिंग के आने के बाद से ये भारत के ब्रोकरेज उद्योग के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है। और इसके पीछे वजह भी है।

जियो का पावर कॉम्बो: जियो पहले से ही देश में सस्ता डेटा देकर बड़ा टेलिकॉम ऑपरेटर बन गया है और लोगों का भरोसा जीत चुका है। वहीं, ब्लैकरॉक दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। इन दोनों के मिलन से बनने वाला जियो ब्लैकरॉक ब्रोकिंग, एक विश्वस्तरीय फाइनेंशियल प्रोडक्ट हो सकता है। ये एक आम ब्रोकिंग लाइसेंस से कहीं ज़्यादा होगा।

जियो का मकसद टेलिकॉम की तरह ही मौजूदा मार्केट प्राइस में बदलाव लाना हो सकता है। इसके साथ ही, बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित करना, ज़ेरोधा या उसके आसपास ब्रोकरेज रेट देकर लाखों निवेशकों को एक साथ जोड़ना भी उनका लक्ष्य होगा। जियो के पास पहले से ही देश में 450 मिलियन से ज़्यादा मोबाइल ग्राहक हैं। अगर इनमें से सिर्फ 5% भी ट्रेडिंग अकाउंट खोलते हैं, तो ये संख्या 2 करोड़ हो जाएगी।

जियो ब्लैकरॉक ब्रोकिंग के आने से ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स, एंजेल वन, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एचडीएफसी सिक्योरिटीज़ को मुश्किल हो सकती है। कई तरह की ट्रेडिंग में मार्जिन कम हो सकते हैं। प्राइस वॉर शुरू होने की भी संभावना है। मुकेश अंबानी ने अपने डेटा साम्राज्य को सीधे दलाल स्ट्रीट पर लाने का फैसला किया है, और भारत का ब्रोकिंग क्षेत्र अब तक के सबसे बड़े बदलाव के लिए तैयार है।