सार

गाड़ियों के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी Kross Limited का IPO लगभग पूरा सब्सक्राइब हो चुका है। रिटेल कैटेगरी में आईपीओ 1.62 गुना भर चुका है। Kross Limited IPO के जरिये कंपनी 500 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है।

Kross IPO Subscription Status: गाड़ियों के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी Kross Limited का IPO सोमवार 9 सितंबर को ओपन हुआ। पहले ही दिन इसे निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला और इश्यू करीब-करीब पूरा सब्सक्राइब हो चुका है। शाम साढ़े 6 बजे तक इश्यू 0.95 गुना भर गया है। रिटेल कैटेगरी में आईपीओ 1.62 गुना भर चुका है। वहीं, NII कैटेगरी में इश्यू अब तक 0.64 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। हालांकि, क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी में अब तक आईपीओ को कोई रिस्पांस नहीं मिला है।

कितना है Kross IPO का प्राइस बैंड?

Kross Limited IPO के लिए कंपनी ने 228 से 240 रुपए के बीच प्राइस बैंड तय किया है। इसका लॉट साइज 62 शेयरों का है। यानी एक लॉट के लिए निवेशकों को 14,880 रुपए का इन्वेस्टमेंट करना होगा। वहीं, रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट यानी 806 शेयर्स के लिए बोली लगा सकते हैं। इसके लिए 1,93,440 रुपए का इन्वेस्टमेंट करना होगा।

कितना है Kross IPO का साइज

Kross Limited IPO के जरिये कंपनी 20,833,334 शेयरों के माध्यम से कुल 500 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसमें 250 करोड़ रुपये मूल्य के 10,416,667 फ्रेश शेयर जारी किए गए हैं। वहीं, कंपनी के शेयरहोल्डर्स और प्रमोटर्स ऑफर फॉर सेल यानी OFS के तहत 250 करोड़ रुपये कीमत के 10,416,667 शेयरों की बिक्री करेंगे।

कब होगा अलॉटमेंट और लिस्टिंग?

Kross Limited IPO में निवेशक 11 सितंबर तक बोली लगा सकेंगे। इसके बाद 12 सितंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा। जिन निवेशकों को शेयर अलॉट होंगे, उनके डीमैट खातों में 13 सितंबर को क्रेडिट कर दिए जाएंगे। वहीं, बाकी निवेशकों के खाते में इसी दिन रिफंड आ जाएगा। शेयरों की लिस्टिंग BSE-NSE पर एक साथ सोमवार 16 सितंबर को होगी।

कितना चल रहा Kross Limited IPO का GMP

मार्केट ऑब्जर्वर्स के मुताबिक, Kross Limited IPO ग्रे मार्केट में 48 रुपए के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। इसका मतलब है कि अभी के हिसाब से ये अपने अपर प्राइस बैंड 240 रुपए से 48 रुपए प्लस यानी 288 रुपए के आसपास लिस्ट हो सकता है। हालांकि, किसी भी आईपीओ में निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल देखना ज्यादा जरूरी है। ग्रे मार्केट सिर्फ अनुमानों पर आधारित होता है।

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