सार
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने गुरुवार 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा पूरा डेटा इलेक्शन कमीशन को सौंपा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने चुनाव आयोग को अल्फा न्यूमेरिक कोड समेत इलेक्टोरल बांड डेटा की पूरी लिस्ट सौंप दी है।
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने गुरुवार को 21 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा पूरा डेटा इलेक्शन कमीशन को सौंपा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने चुनाव आयोग को अल्फा न्यूमेरिक कोड समेत इलेक्टोरल बांड डेटा की पूरी लिस्ट सौंप दी है। आंकड़ों के मुताबिक, चुनावी बांड के जरिए इनकैश की गई कुल रकम 12,145.87 करोड़ रुपये थी। इस रकम में टॉप- 10 डोनर्स की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत यानी 4,548.30 करोड़ रुपये थी।
इलेक्टोरल बांड के सबसे बडे़ डोनर और बेनिफिशरी कौन?
लॉटरी फर्म फ्यूचर गेमिंग और मेघा इंफ्रास्ट्रक्चर इलेक्टोरल बांड के सबसे बड़े खरीदार थे, जबकि बीजेपी और TMC सबसे बड़े लाभार्थी (Beneficiary) थे। लॉटरी फर्म फ्यूचर गेमिंग और मेघा इंफ्रास्ट्रक्चर चुनावी बांड योजना के सबसे बड़े खरीदार थे, जबकि बीजेपी और टीएमसी सबसे बड़े लाभार्थी थे। SBI के आंकड़ों के मुताबिक, लॉटरी किंग सेबेस्टियन मार्टिन की फर्म फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज इस इस स्कीम की सबसे बड़ी डोनर थी, जिसने 1,365 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। दूसरे नंबर पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स ने 966 करोड़ रुपये के बांड खरीदकर दान दिया। तीसरे नंबर पर क्विक सप्लाई चेन ने 410 करोड़ रुपये के बांड खरीदे।
वेदांता लिमिटेड ने खरीदे 400 करोड़ रुपये के बांड
चौथे नंबर पर वेदांता लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। वहीं आरपी-संजीव गोयनका समूह की प्रमुख थर्मल प्लांट कंपनी हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ने 377 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे और पांचवे नंबर पर रही। एस्सेल माइनिंग ने 224.5 करोड़ रुपये, जबकि वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 220 करोड़ रुपये के बांड इनकैश किए। इलेक्टोरल बांड के मामले में टेलीकॉम दिग्गज भारती एयरटेल 198 करोड़ रुपये के बांड के साथ आठवें नंबर पर रही। कोलकाता स्थित FMCG ग्रुप केवेंटर्स फूडपार्क लिमिटेड और स्टील प्रोडक्ट्स मैन्यूफैक्चरर MKJ एंटरप्राइजेज ने क्रमशः 195 और 192.4 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे।
चुनावी चंदे का सबसे ज्यादा फायदा किसे?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनावी बांड योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी रही, जिसे पिछले 4 साल में 6,000 करोड़ रुपये का चुनावी चंदा मिला। हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग (MEIL) भाजपा की सबसे बड़ी दानकर्ता थी, जिसने 519 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। क्विक सप्लाई ने 375 करोड़ रुपये का दान दिया, इसके बाद वेदांता ने 226.7 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 183 करोड़ रुपये का दान दिया। भाजपा को मदनलाल लिमिटेड (175.5 करोड़ रुपये), केवेंटर्स फूडपार्क इंफ्रा (144.5 करोड़ रुपये) और DLF कमर्शियल डेवलपर्स (130 करोड़ रुपये) जैसी कंपनियों से भी चुनावी चंदा मिला।
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