1 जनवरी से देश में कई नियम बदल रहे हैं। इनमें 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें, CNG-PNG की सस्ती कीमतें और पैन-आधार लिंक की 1 जनवरी की डेडलाइन शामिल है। ICICI क्रेडिट कार्ड पर भी नए शुल्क लागू होंगे।

नई दिल्ली: दुनिया नए साल का स्वागत करने की तैयारी कर रही है। क्रिसमस और नए साल के जश्न की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इसके साथ ही, नए साल से देश में कई नए नियम भी लागू हो रहे हैं। इनमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन आयोग की सिफारिशों से लेकर केरल में कचरा मैनेजमेंट तक के बदलाव शामिल हैं, जिनका वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। आइए देखें कि वे कौन-कौन से हैं।

01 जनवरी 2026 से देश में होने वाले बदलाव

  • ऐसी उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएंगी, जिसका केंद्र सरकार के कर्मचारी लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। अगर आधिकारिक घोषणा में देरी भी होती है, तो भी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2026 से पूर्वव्यापी प्रभाव से फायदे मिलने की संभावना है। फिटमेंट फैक्टर बदलने से बेसिक सैलरी और पेंशन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होगी।

  • सीएनजी-पीएनजी की कीमतें कम होंगी। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के नए फैसले के मुताबिक, 1 जनवरी से देशभर में टैक्स को फिर से व्यवस्थित किया जाएगा। पहले जोन की सीमा तय होने से आम लोगों को सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

  • पैकेज्ड पीने के पानी (बॉटल्ड वॉटर) के लिए 1 जनवरी से नए नियम लागू होंगे। FSSAI ने बोतलबंद पानी पर अनिवार्य बीआईएस सर्टिफिकेशन मार्क को हटाने का फैसला किया है। इसके बजाय, निर्माताओं को माइक्रोबायोलॉजिकल जांच सहित और भी कड़े क्वालिटी टेस्ट का पालन करना होगा।

  • पैन कार्ड को आधार नंबर से लिंक करने की समय सीमा 1 जनवरी को खत्म हो जाएगी। चेतावनी दी गई है कि अगर लिंक नहीं किया गया तो पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा। इससे बैंक लेनदेन और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर असर पड़ेगा।

  • आईसीआईसीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड फीस में जनवरी से बदलाव होंगे। ड्रीम-11 जैसे ऑनलाइन गेमिंग लेनदेन पर 2% अतिरिक्त शुल्क लगेगा। पेटीएम और अमेज़ॅन पे वॉलेट में 5,000 रुपये से ज्यादा की रकम लोड करने पर 1% शुल्क लगेगा। रेलवे/बस बुकिंग में 50,000 रुपये से ऊपर के लेनदेन पर 1% शुल्क लिया जाएगा।

  • रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स को 1 जनवरी से म्यूचुअल फंड द्वारा 'इक्विटी' के रूप में माना जाएगा। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में और ज्यादा निवेशक आने की उम्मीद है।