Nail Polish Business: भारत की ब्यूटी इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और नेल पॉलिश बिजनेस शानदार ऑप्शन बनकर सामने आया है। बेस, टॉप, जेल और मैट नेल पॉलिश जैसी प्रोडक्ट्स से हर महीने लाखों का टर्नओवर पॉसिबल है। यह महिलाओं के लिए बेस्ट ऑप्शन है।
Nail Polish Manufacturing Unit: भारत की ब्यूटी इंडस्ट्री इन दिनों तेजी से बढ़ रही है। नेल केयर और नेल आर्ट प्रोडक्ट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है, खासकर शहरी और सेमी-अर्बन इलाकों में। ऐसे में नेल पॉलिश बनाने का बिजनेस छोटे निवेश के साथ एक बड़ा अवसर बनकर उभरा है। यह बिजनेस न सिर्फ महिलाओं को जॉब देता है, बल्कि घरेलू लेवल पर भी शुरू किया जा सकता है। कम लागत में तैयार इसकी यूनिट से हर महीने लाखों का टर्नओवर संभव है।
नेल पॉलिश क्या है और कैसे बनती है?
नेल पॉलिश (नेल एनामेल) एक तरह की लिक्विड लैकर होती है, जिसे नाखूनों को सजाने और सेफ्टी के लिए लगाया जाता है। यह ऑर्गेनिक पॉलिमर और कई तरह के केमिकल्स का मिश्रण होती है। इसकी कई वैराइटी होती हैं, जैसे बेस कोट, टॉप कोट, जेल पॉलिश और मैट फिनिश। बेस कोट नाखूनों को मजबूत करने और कलर को चिपकने में मदद करता है। टॉप कोट नाखूनों पर हार्ड लेयर बनाकर चमक और टिकाऊपन बढ़ाता है। जेल पॉलिश यूवी लाइट से सूखती है और 2 हफ्ते तक चलती है। वहीं, मैट पॉलिश चमक के बिना डल लुक देती है, आजकल ट्रेंड में है।
भारत में नेल पॉलिश का मार्केट
भारत का नेल पॉलिश बाजार 2018 में करीब 88.6 मिलियन डॉलर का था, जो 2024 या 25 में 143.6 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा तक पहुंचने की उम्मीद है। IMARC Group का अनुमान है कि यह मार्केट 2033 तक 1,014.65 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह सेक्टर करीब 10% CAGR की दर से बढ़ रहा है। Nykaa, Purplle, Lakme और Maybelline जैसे ब्रांड्स की एंट्री ने ऑनलाइन सेल को कई गुना बढ़ा दिया है। ऑनलाइन रिटेल, सोशल मीडिया और बढ़ते नेल आर्ट ट्रेंड ने इस इंडस्ट्री को नए लेवल पर पहुंचाया है।
नेल पॉलिश बनाने के लिए जरूरी मशीनें
नेल पॉलिश बनाने के लिए डाइल्यूजर टैंक, मिक्सर, फिलर और पैकेजिंग मशीन चाहिए होती हैं। जिनकी कुल लागत ₹1,70,000 और 18% GST होती हैं। इस हिसाब से ₹2,00,600 टोटल कॉस्ट आता है। ये मशीनें 'S L Machinery', मुंडका, दिल्ली से आसानी से खरीदी जा सकती हैं।
नेल पॉलिश बनाने के लिए रॉ मटेरियल
नेल पॉलिश बनाने के लिए नाइट्रोसेलुलोज, सॉल्वेंट, रेजिन, एंटीऑक्सीडेंट और पिगमेंट (जैसे-मैंगनीज वायलेट) जैसे रॉ मटेरियल चाहिए। इसके लिए औसतन 80-90 प्रति किलो की लागत आती है।
नेल पॉलिश यूनिट का कॉस्ट और फाइनेंस
प्लांट और मशीनरी- 2.01 लाख रुपए
फर्नीचर और फिक्स्चर- 30 हजार रुपए
वर्किंग कैपिटल- 10 हजार रुपए
खुद का कैपिटल- 1.23 रुपए
बैंक लोन- 2.08 लाख रुपए
वर्किंग कैपिटल लोन- 9 लाख रुपए
टोटल- 12.31 लाख रुपए
नेल पॉलिश यूनिट के लिए श्रमिक और बिजली की जरूरत
1 स्किल्ड लेबल की सैलरी- 20,000 रुपए
2 अनस्किल्ड लेबर की सैलरी- 15,000 रुपए प्रति के हिसाब से 30,000 रुपए
कुल मंथली सैलरी- 50,000 रुपए
कुल सालाना सैलरी- 6 लाख रुपए
बिजली की जरूरत- 5 KW कनेक्शन
बिजली बिल- करीब ₹5,600 रुपए महीना
नेल पॉलिश यूनिट की प्रोडक्टन कैपिसिटी
| साल | प्रोडक्शन (KG) | उपयोग क्षमता | बिक्री (₹ लाख में) |
|---|---|---|---|
| पहला | 36,000 | 50% | 59.40 |
| दूसरा | 39,600 | 55% | 72.31 |
| तीसरा | 43,200 | 60% | 80.65 |
| चौथा | 46,800 | 65% | 89.28 |
| पांचवा | 50,400 | 70% | 98.20 |
नोट- पहले साल में ही करीब ₹15.84 लाख का टर्नओवर हो सकता है।
नेल पॉलिश बिजनेस का प्रॉफिट
| साल | बिक्री (₹ लाख) | नेट प्रॉफिट (₹ लाख) |
|---|---|---|
| 1 | 59.40 | 2.50 |
| 2 | 72.31 | 2.59 |
| 3 | 80.65 | 3.15 |
| 4 | 89.28 | 3.55 |
| 5 | 98.20 | 3.92 |
नेल पॉलिश मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए जरूरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन
- GST रजिस्ट्रेशन
- कॉस्मेटिक एंड ड्रग्स कंट्रोल लाइसेंस
- फायर और पॉल्यूशन क्लियरेंस
- ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन (ब्रांड नाम के लिए)
नेल पॉलिश यूनिट सेटअप का समय
जगह खरीदना या किराए पर लेना- 1 महीने में
मशीन इंस्टालेशन- 1 महीना
स्टाफ हायरिंग और ट्रेनिंग- 1 महीना
कुल समय- 2 से 3 महीने
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ सूचना और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। यहां दी गई जानकारी और डिटेल्स kviconline.gov.in से ली गई हैं। बिजनेस करने से पहले खुद रिसर्च करें और निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर या संबंधित विभाग से सलाह जरूर लें।
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