सार
भारत रत्न, उद्योग जगत के दिग्गज रतन टाटा के निधन को एक हफ्ता हो गया है. विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. अब, रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अंबानी ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए अपने परिवार के साथ उनके जुड़ाव के बारे में बताया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से आयोजित वार्षिक दिवाली भोज के दौरान नीता अंबानी ने रतन टाटा को याद किया.
रतन टाटा उनके बेटे आकाश अंबानी के गुरु थे. उन्होंने आकाश का कई तरह से मार्गदर्शन किया. भारत के ऐसे महान सपूत को हम सबने खो दिया है. उनका निधन हम सभी के लिए बहुत बड़ा सदमा है. इस दुःख को बयां करना आसान नहीं है. नीता अंबानी ने उन्हें दूरदर्शी उद्योगपति बताया जिन्होंने हमेशा समाज की भलाई के लिए काम किया.
28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में जन्मे रतन टाटा, रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे, जो भारत के दो सबसे बड़े निजी क्षेत्र के благотвори ट्रस्ट हैं. वे 1991 से 2012 में सेवानिवृत्ति तक टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष रहे और बाद में टाटा संस के एमेरिटस अध्यक्ष नियुक्त हुए. 2008 में, उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. उनके निधन के बाद, टाटा ट्रस्टों ने पिछले हफ्ते नोएल नवल टाटा को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है.
रतन टाटा के स्वामित्व वाला टाटा समूह और मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाला रिलायंस समूह अपने-अपने क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं, लेकिन रिलायंस समूह से टाटा समूह एक कदम आगे था. चाहे टेलीकॉम क्षेत्र हो, चिकित्सा क्षेत्र हो या कोई और, टाटा समूह का दबदबा रहा है. टाटा समूह के नेता रतन टाटा के जाने के बाद उनके जैसा नेता मिलना मुश्किल है. रतन टाटा के फैसले स्पष्ट और दृढ़ होते थे. इससे कंपनी मुनाफे में रही. रतन टाटा की योजनाओं से मुकेश अंबानी को थोड़ा नुकसान होता था. अब रतन टाटा के निधन के बाद मुकेश अंबानी को टक्कर देने वाला कोई नहीं रहा. टाटा समूह की देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी (TCS) अब देश की सबसे बड़ी कंपनी है. शेयर बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों को TCS ने कड़ी टक्कर दी है. सिर्फ प्रतिस्पर्धा ही नहीं, अब दोनों कंपनियों का बाजार मूल्य 14 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. शेयरधारक खुश हैं. दोनों का बाजार मूल्य 32 हजार करोड़ रुपये है.