सार
पीएचडीसीसीआई ने मंगलवार को कहा कि भारत में 2030 तक 10 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा करने की क्षमता है।
PHDCCI on India employment potential: भारत में 2030 तक 10 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा करने की क्षमता है। मोदी 3.0 को उद्योग संगठन ने अगले 100 दिन के एजेंडे के लिए 10 महत्वपूर्ण प्वाइंट सुझाए हैं। पीएचडीसीसीआई ने मंगलवार को कहा कि भारत में 2030 तक 10 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा करने की क्षमता है। उद्योग संगठन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 3.3 ट्रिलियन डॉलर को अगले 2030 में जीडीपी से जोड़ सकता है।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि हम एमएसएमई, बड़े समूह और स्टार्टअप सहित कई क्षेत्रों में 2030 तक 10 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए रोडमैप का सुझाव दिए हैं। उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने कहा कि भारत में 2030 तक 10 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा करने की क्षमता है। उद्योग चैंबर ने नई सरकार के 100-दिवसीय एजेंडे के लिए जो 10 प्वाइंट्स सुझाए गए हैं उसमें रोजगार सृजन, विनिर्माण में दोहरे अंकों की वृद्धि, निर्यात प्रक्षेपवक्र को मजबूत करना, टियर-2 और टियर-3 शहरों में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की नीति, मुद्रास्फीति में वृद्धि को संबोधित करना, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, महिला सशक्तिकरण को मजबूत करना, समावेशी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा और समर्पित पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं।
उद्योग संगठन ने कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक संकट और अनिश्चित वैश्विक आर्थिक माहौल के बीच भारत ने वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 के दौरान 8 प्रतिशत (औसत) से अधिक की वृद्धि दर्ज की है।
उद्योग संगठन ने क्या कहा?
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि हमने एमएसएमई, बड़े समूह और स्टार्टअप सहित कई क्षेत्रों में 2030 तक 10 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए रोडमैप का सुझाव दिए हैं। महामारी के बाद की हाई ग्रोथ रेट कई वर्षों तक करोड़ों नौकरियों का अवसर पैदा करने में सक्षम है। देश में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को मजबूत करने के लिए इस समय नई औद्योगिक नीति की आवश्यकता है। भारत सरकार को वैश्विक निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 75 प्रोडक्ट्स पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ये 75 उत्पाद 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। एजेंडा के अनुसार, सरकार को पहले 100 दिनों में टियर-2 और टियर-3 शहरों के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा नीति पर रणनीति बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास और सार्वजनिक उपयोगिताओं की पर्याप्त सुविधा के साथ गांवों के आधुनिकीकरण पर भी ध्यान देना चाहिए।
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