Retirement Mistakes: रिटायरमेंट के सालों को खराब करने वाली आम गलतियों में देर से प्लानिंग, हेल्थ खर्चों की अनदेखी, कर्ज और महंगाई-हारने वाले निवेश शामिल हैं। सही स्ट्रैटजी, निवेश का बैलेंस और हेल्थ कवरेज से सुरक्षित-आरामदायक रिटायरमेंट बना सकते हैं। 

Retirement Mistakes to Avoid: रिटायरमेंट एक ऐसा समय होता है, जब काम की थकान खत्म होती है और जिंदगी अपने सबसे आरामदायक मोड़ पर पहुंच जाती है। हर कोई चाहता है कि ये वक्त खुशियों, शांति और फाइनेंशियल सेफ्टी वाला हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी वित्तीय गलती आपके सालों की बचत को मिनटों में खत्म कर सकती है? सिर्फ पैसा बचाना ही पर्याप्त नहीं है। सही प्लान न होने पर, हेल्थ खर्चों की अनदेखी करना, कर्ज को साथ ले जाने या निवेश को गलत जगह लॉक करने जैसी गलतियां आपकी रिटायरमेंट की खुशियों को छीन सकती हैं। आज हम आपको बताएंगे 7 सबसे कॉमन रिटायरमेंट गलतियां और उनके आसान और स्मार्ट समाधान...

क्लियर एग्जिट प्लान न होना

सिर्फ पैसा बचाना ही काफी नहीं है, यह जानना जरूरी है कि उसे कैसे खर्च करना है। बिना प्लान के कई लोग रिटायरमेंट के शुरूआती सालों में ज्यादा खर्च कर देते हैं, जैसे ट्रैवल, एंटरेटनमेंट और बाद में मेडिकल खर्च या लंबी उम्र के लिए कुछ नहीं बचता है। इसलिए पहले साल अपने कुल फंड का 3-4% ही निकालें। हर साल महंगाई के हिसाब से बढ़ाते जाएं। इससे आपका पैसा लंबे समय तक काम आएगा और जरूरतों के लिए भी बचा रहेगा।

सभी पैसे एन्नुइटी में लॉक करना

एन्नुइटी मंथली फिक्स इनकम देती है, लेकिन इसमें कैश की आसानी से पहुंच नहीं होती है। आप इमरजेंसी में पैसा नहीं निकाल सकते। रिटर्न अक्सर महंगाई के मुकाबले कम रहते हैं। सिर्फ जरूरी खर्च जैसे किराया या राशन के लिए एन्नुइटी लें, बाकी पैसा म्यूचुअल फंड्स या फ्लेक्सिबल निवेश में रखें।

शेयरों से पूरी तरह बचना

कई रिटायर्स स्टॉक्स के उतार-चढ़ाव से डरते हैं। शेयर न लेने से महंगाई धीरे-धीरे आपकी बचत को निगल जाती है। ऐसे में 10-15% पैसे अच्छे लार्ज-कैप स्टॉक्स या बैलेंस्ड फंड्स में रखें। बाकी 5-7 साल के खर्च FDs या बॉन्ड्स में सुरक्षित रखें।

मेडिकल खर्च के लिए सिर्फ कैश पर निर्भर रहना

एक गंभीर अस्पताल भर्ती लाखों खर्च कर सकती है। भारत में मेडिकल महंगाई 13-14% तक है। हेल्थ इंश्योरेंस अब ऑप्शन नहीं, जरूरी बन गया है। बेसिक पॉलिसी, सुपर टॉप-अप और कैश रिजर्व रखें। यह तय करेगा कि इमरजेंसी में भी रिटायरमेंट की बचत सुरक्षित रहे।

एस्टेट प्लानिंग न होना

वसीयत, नामांकन या वित्तीय रिकॉर्ड्स न होने पर परिवार को कानूनी जंजाल का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए वसीयत बनाएं, बैंक खातों में नामांकन करें, डिजिटल रिकॉर्ड रखें। यह आपके परिवार को मानसिक शांति देगा और विवाद से बचाएगा।

संपत्ति में बहुत ज्यादा निवेश

रियल एस्टेट में पैसा फंस जाता है और मेंटेनेंस, टैक्स, रिपेयर जैसी लागत बढ़ा देती है। जरूरत पड़ने पर कैश की कमी हो सकती है। 60 साल की उम्र के बाद रिवर्स मॉर्टगेज से रेगुलर इनकम बाएं और घर में ही रहें। यह तरीका आपकी संपत्ति सुरक्षित रखते हुए कैश उपलब्ध कराता है।

टैक्स-नॉन इफिशिएंट प्रोडक्ट्स में निवेश

FDs सुरक्षित लगते हैं लेकिन टैक्स के बाद रिटर्न कम हो जाता है। हाई इनकम वालों के लिए यह बड़ी रकम खर्च कर सकता है। इसलिए डीप डिस्काउंट बॉन्ड्स में निवेश करें, LTCG टैक्स सिर्फ 12.5% लगेगा। टैक्स स्मार्ट निवेश से आपकी रिटायरमेंट कैश फ्लो बेहतर होती है।

डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सामान्य जानकारी और शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई सलाह या टिप्स पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी सलाह नहीं हैं। रिटायरमेंट प्लान, निवेश, बीमा या कर संबंधित निर्णय लेने से पहले हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।

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