सार
'स्मॉल कैप किंग' नाम से मशहूर पोरिंजू वेलियाथ ने सिर्फ 1,000 रुपए की सैलरी से शुरुआत कर आज करोड़ों रुपए का पोर्टफोलियो बनाया है। गरीबी से अमीरी तक का उनका सफर इंस्पायर करता है।
बिजनेस डेस्क : पोरिंजू वेलियाथ (Porinju Veliyath) एक ऐसा नाम है, जो शेयर बाजार (Share Market) में अपनी अलग ही स्ट्रैटजी के लिए जाने जाते हैं। 'स्मॉल कैप के किंग' नाम से फेमस पोरिंजू वेलियाथ के पास कभी रहने तक को घर नहीं थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और मात्र 1,000 रुपए की नौकरी कर यहां तक का सफर तय किया। उन्हें मल्टीबैगर स्टॉक दांव पर जीतने की उनकी आदत के लिए जाना जाता है। गरीबी से अमीरी तक उनकी कहानी इंस्पायरिंग है।
Porinju Veliyath का पोर्टफोलियो
वेलियाथ की गिनती आज अमीर निवेशकों में होती है। उनके पास आलीशान फार्महाउस और कई लग्जरी कारें हैं। शेयर बाजार में उनकी स्ट्रैटली लीक से हटकर मानी जाती है। उनके पोर्टफोलियो की नेटवर्थ पिछले साल अप्रैल तक 120 करोड़ के आसपास थी, जो अब बढ़ गई है। यह 8 साल से भी कम समय में उन्होंने बनाया है। इस दौरान उनका रिटर्न 2000% से ज्यादा का रहा है। Trendlyne.com के मुताबिक, दिसंबर 2015 में उनका पोर्टफोलियो केवल 5.87 करोड़ का ही था। पोरिंजू सोशल मीडिया स्टार भी हैं। उन्हें सेलिब्रिटी इन्वेस्टर के तौर पर जाना जाता है।
16 साल की उम्र में छोड़ना पड़ा था घर
61 साल के दिग्गज निवेशक पोरिंजू वेलियाथ का जन्म साल 1962 में केरल के कोच्चि के एक छोटे से गांव त्रिशूर की मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। किसान परिवार से आने वाले वेलियाथ की उम्र जब मात्र 16 साल थी, तब घर पर आर्थिक संकट आ गया। इससे निपटने के लिए उन्हें घर तक छोड़ना पड़ा। तब उन्हें लगा कि हालात बदलने के लिए मेहनत की जरूरत है और उन्होंने काम करना शुरू कर दिया।
सिर्फ 1 हजार थी पहली सैलरी
पोरिंजू ने बतौर अकाउंटेंट पहली नौकरी शुरू की, जिसके लिए उन्हें हर महीने 1 हजार रुपए सैलरी मिलिती थी। इसके कुछ समय बाद 2,500 रुपए पर फोन ऑपरेटर की जॉब करने लगे। एक बिजनेस न्यूज पेपर से बातचीत में उन्होंने अपनी इस जर्नी के बारें में बताया था। उन्होंने कहा- 'जब कम उम्र में मैंने नौकरी शुरू की, तब हमारे पास घर नहीं था। मुझे लग रहा था कि हालात बदलने की जरूरत है।'
कहां से हुई शेयर मार्केट की शुरुआत
पोरिंजू वेलियाथ की शेयर बाजार में पहली जॉब 1990 में कोटक सिक्योरिटीज के साथ हुई। तब उन्हें फ्लोर ट्रेडर का काम मिला और मुंबई चले गए। वहां उन्होंने अपना नाम फ्रांसिस रख लिया। इसके बाद रिसर्च एनालिस्ट और फंड मैनेजर जैसे कई पदों पर काम किया और शेयर मार्केट की बारीकियां सीखीं। हालांकि, वो मुंबई में चल रही अपनी लाइफ से खुश नहीं थे और वापस गांव जाना चाहते थे।
कोच्चि से बने शेयर मार्केट के किंग
मुंबई छोड़कर केरल वापस आ गए और साल 2002 में कोच्चि में इक्विटी इंटेलिजेंस नाम से फनी फंड मैनेजमेंट कंपनी बनाई। इसमें करोड़ो रुपए का खुद का पोर्टफोलियो मैनेज करने के साथ ही दूसरे निवेशकों का पोर्टफोलियो भी मैनेज करते थे। सितंबर 2021 में उनके पोर्टफोलियो में 213.11 करोड़ रुपए थे। आज वे एक सफल निवेशक और बिजनेसमैन हैं। वह आर्य वैद्य फार्मेसी के डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के साथ मिलकर 'लीवर आयुष' ब्रांड नाम से आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स बनाती है। उन्होंने 'ओहारियिलूडे एंगने नेत्तम कोय्यम' (The Complete Step-by-Step Guide to the Stock Market and Investing) नाम की एक बुक भी लिखी है।
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