Share Market Crash Key Factors: सेंसेक्स और निफ्टी की बड़ी गिरावट की 5 वजहें
Sensex-Nifty Crash Reasons : स्टॉक मार्केट में शुक्रवार, 22 अगस्त को जोरदार गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 693.86 अंक यानी 0.85% लुढ़ककर 81,306.85 और निफ्टी 213.65 गिरकर 24,870.10 के लेवल पर बंद हुआ। जानिए बाजार में गिरावट के 5 बड़े कारण...

6 दिनों के रैली के बाद मुनाफा बुकिंग
सेंसेक्स ने 13 अगस्त से 21 अगस्त तक लगातार 6 दिनों तक हरे निशान में कारोबार किया और 1,800 अंक की मजबूती दिखाई। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबी रैली के बाद निवेशक अब मुनाफा बुक कर रहे हैं। टैरिफ की अनिश्चितता और कमजोर क़ारपोरेट अर्निंग्स ने भी इस कदम को प्रेरित किया। एक्सपर्ट्स के अनुसार, पिछले दो महीनों में गुरुवार, शुक्रवार और सोमवार को मार्केट में एक्टिविटी ज्यादा रही है। ट्रंप के टैरिफ और जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने इसे बढ़ाया है। अब निवेशक अगले हफ्ते की टैरिफ डेडलाइन के पहले मुनाफा बुक कर रहे हैं।
ट्रंप के टैरिफ का दबाव
बाजार में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर भी चिंता है। 27 अगस्त से सेकेंडरी 25% टैरिफ लागू हो सकता है, जिससे भारत से आने वाले प्रोडक्ट्स पर कुल 50% शुल्क लग जाएगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, 25% टैरिफ लागू होने पर भारतीय ग्रोथ पर असर 20-30 बेसिस पॉइंट से ज्यादा होगा। बाजार को इसे पहले से ही डिस्काउंट करना पड़ेगा।
रूस-यूक्रेन तनाव का असर
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों की आशाओं पर झटका दिया। क्रूड ऑयल कीमतें 1% से अधिक बढ़ीं। भारत एक बड़े क्रूड आयातक देश के रूप में प्रभावित हुआ। ट्रंप ने पहले संकेत दिए थे कि युद्ध खत्म होने पर सेकेंडरी टैरिफ हट सकते हैं। व्हाइट हाउस ट्रेड एडवाइजर पीटर नेवारो का कहना है,'शांति की राह कई मायनों में नई दिल्ली से होकर गुजरती है।'
हैवीवेट सेक्टर कमजोर प्रदर्शन
बैंकिंग और आईटी जैसे प्रमुख सेक्टरों में क्वार्टर 1 की कमजोर अर्निंग्स ने निवेशकों का भरोसा घटाया। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बिना अर्निंग्स सुधार के स्थायी रैली मुश्किल है। शॉर्ट टर्म में सिर्फ लिक्विडिटी-ड्रिवेन मूव ही पॉसिबल है। इसके साथ ही, बैंकिंग सेक्टर पर दबाव बना हुआ है। अन्य मजबूत प्रदर्शन वाले सेक्टरों में भी मुनाफा बुकिंग बढ़ रही है।
जेरोम पावेल के भाषण से पहले अलर्ट
अमेरिकी फेडरल रिजर्व प्रेसिडेंट जेरोम पावेल का जैक्सन होल में भाषण पर निवेशकों की नजर है। यह उनके कार्यकाल का आखिरी भाषण होगा और इसमें अमेरिकी मौद्रिक नीति और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर संकेत मिल सकते हैं। इस अनिश्चितता ने भी घरेलू बाजार में सतर्कता बढ़ाई है।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। इसमें दी गई जानकारी निवेश या वित्तीय सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार या सर्टिफाइड निवेश एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।